बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में तेजी, तेजस्वी यादव का बयान

तेजस्वी यादव का बयान
बिहार में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ बढ़ गई हैं। विभिन्न राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों पर काम कर रहे हैं।
इस बीच, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोमवार को कोलकाता से पटना लौटते ही पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने बिहार की डबल इंजन सरकार पर निशाना साधा और तेज प्रताप यादव के 'जयचंद' ट्वीट पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी।
तेज प्रताप यादव का ट्वीट
तेज प्रताप यादव ने रविवार को एक ट्वीट में पार्टी के कुछ नेताओं को इशारों में 'जयचंद' कहा था। जब मीडिया ने इस पर तेजस्वी यादव से सवाल किया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्णय पार्टी और बिहार के हित में है। उन्होंने कहा कि वह किसी के व्यक्तिगत जीवन पर टिप्पणी नहीं करेंगे।
चुनाव की तैयारी
बिहार एक बड़ा और राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्य है, जिसमें 243 विधानसभा सीटें हैं। पहले के चुनावों में भी आयोग ने राज्य को विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित कर चरणबद्ध मतदान कराया था। इस बार भी सुरक्षा, प्रशासनिक तैनाती और त्योहारों को ध्यान में रखते हुए तीन चरणों में चुनाव कराने की योजना बनाई जा सकती है।
छठ पर्व का चुनाव पर प्रभाव
छठ पर्व बिहार की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इससे न केवल आम जनता की भागीदारी प्रभावित हो सकती है, बल्कि मतदान कर्मचारियों और सुरक्षाबलों की तैनाती में भी कठिनाइयाँ आ सकती हैं। चुनाव आयोग पहले भी त्योहारों की तारीखों से टकराव से बचता रहा है।
राजनीतिक दलों की सक्रियता
चुनाव की संभावित तारीखों की चर्चा शुरू होते ही सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। जनसभाएं, कार्यकर्ता सम्मेलन, पोस्टर-बैनर और सोशल मीडिया अभियान जोर पकड़ रहे हैं। खासकर, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान, आरजेडी, जेडीयू और बीजेपी सहित अन्य दल भी चुनावी मोर्चे पर सक्रिय हो चुके हैं।
खाली सीटों का मामला
फरवरी में विधायक करसनभाई पूंजाभाई सोलंकी के निधन से कडी सीट खाली हुई, जबकि भूपेंद्रभाई गांडुभाई के इस्तीफे के कारण विसावदर सीट भी खाली हुई। चुनाव आयोग ने इन दोनों सीटों पर उप चुनावों की तारीख का ऐलान किया है।
ग्राम पंचायत चुनाव की प्रक्रिया
राज्य में ग्राम पंचायत चुनाव के लिए 2 जून से नामांकन फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सरपंच और पंचायत सदस्य पदों के लिए 9 जून तक फॉर्म भरे जाएंगे, जबकि 10 जून को फॉर्म की जांच की जाएगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 11 जून रखी गई है। राज्य की 8,326 ग्राम पंचायतों के लिए 22 जून को मतदान होगा और 25 जून को मतगणना होगी।
सरपंच और पंचायत सदस्य के लिए नामांकन
सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को 2000 रुपये जमा करने होंगे। आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को 1000 रुपये जमा करने होंगे।
पंचायत सदस्य (वार्ड सदस्य) के लिए सामान्य श्रेणी के लिए 1000 रुपये और आरक्षित श्रेणी के लिए 500 रुपये डिपॉजिट करना होगा। नामांकन फॉर्म संबंधित तालुका पंचायत अथवा मामलतदार कार्यालय में सुबह 11:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक भरे जाएंगे।
विपक्ष पर आरोप
मायावती ने बीजेपी, सपा और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोगों को सावधान रहना होगा क्योंकि इन दलों के सहारे स्वार्थी नेता विधायक, सांसद या मंत्री बन सकते हैं, लेकिन ये समाज का भला नहीं कर सकते। उनका यह बयान स्पष्ट करता है कि मायावती दलित और पिछड़ों के बीच यह संदेश देना चाहती हैं कि अम्बेडकर की असली अनुयायी केवल बसपा है।
आकाश आनंद की वापसी
बसपा प्रमुख मायावती ने कई बार पार्टी से लोगों को निकाला है और फिर उन्हें मौका दिया है। आकाश आनंद के माफी मांगने पर उन्हें पार्टी में वापस लिया गया था। आकाश ने भी एक्स पर माफीनामा पोस्ट कर उनसे माफी और एक और मौके की सिफारिश की थी।