बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखें जल्द घोषित होने की संभावना
बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा जल्द होने की उम्मीद है। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, मतदान नवंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में हो सकता है। इस बार चुनावी लड़ाई एनडीए और विपक्ष के इंडिया ब्लॉक के बीच होगी। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर, 2025 को समाप्त होगा, जिससे चुनाव प्रक्रिया को समय पर पूरा करना आवश्यक है। जानें इस चुनावी माहौल में क्या हो रहा है और राजनीतिक दलों की स्थिति के बारे में।
Sep 4, 2025, 14:38 IST
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बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी
बिहार में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इस महीने के अंत या अगले महीने की शुरुआत में चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, नई विधानसभा के लिए मतदान नवंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में होने की संभावना है। मतदान प्रक्रिया तीन चरणों में आयोजित की जा सकती है, और अंतिम कार्यक्रम दिवाली और छठ जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों के आसपास निर्धारित किया जा रहा है। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर, 2025 को समाप्त होगा, इसलिए चुनाव आयोग को उस तिथि से पहले चुनाव प्रक्रिया को पूरा करना होगा।
पिछले चुनावों की परंपरा के अनुसार, बिहार में भी कई चरणों में मतदान होगा। 2020 में हुए चुनाव तीन चरणों में संपन्न हुए थे - 28 अक्टूबर को 71 सीटों पर, 3 नवंबर को 94 सीटों पर और 7 नवंबर को 78 सीटों पर मतदान हुआ था। परिणाम 10 नवंबर को घोषित किए गए थे। 2015 में मतदान पाँच चरणों में हुआ था। इस बार की चुनावी लड़ाई एक बार फिर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्ष के इंडिया ब्लॉक के बीच होगी। भाजपा, जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) मिलकर एनडीए का गठन करते हैं, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक और कार्यकाल की उम्मीद कर रहा है। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाला विपक्ष, कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ मिलकर सत्ता से बेदखल करने की कोशिश करेगा।
243 सदस्यीय विधानसभा में, एनडीए के पास वर्तमान में 131 सदस्य हैं, जिसमें भाजपा के 80, जद (यू) के 45, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के 4, और 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन शामिल है। इंडिया ब्लॉक के पास 111 विधायक हैं, जिनमें राजद के 77, कांग्रेस के 19, भाकपा (माले) के 11, माकपा के 2, और भाकपा के 2 विधायक शामिल हैं। बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान ने राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है। विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया असली मतदाताओं के नाम हटाने के लिए की जा रही है।