बिहार विधानसभा चुनाव: एनडीए में सीट बंटवारे की चर्चा तेज

बिहार में विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियाँ जोरों पर हैं। एनडीए और महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे की चर्चा तेज हो गई है। भाजपा, जदयू, लोजपा और अन्य दलों के बीच संभावित सीटों का बंटवारा किया जा रहा है। इस बीच, तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आरक्षण बढ़ाने के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। जानें इस चुनावी हलचल के पीछे की रणनीतियाँ और संभावनाएँ।
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बिहार विधानसभा चुनाव: एनडीए में सीट बंटवारे की चर्चा तेज

बिहार में चुनावी हलचल

बिहार में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक दल अपने-अपने समीकरण को मजबूत करने में जुटे हैं। मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच देखने को मिलेगा। इस संदर्भ में एनडीए के भीतर सीट बंटवारे पर चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी सीटों का बंटवारा किया जाएगा। भाजपा को 17, जदयू को 12, लोजपा को 5 और हम तथा राष्ट्रीय लोक मोर्चा को एक-एक सीट पर चुनाव लड़ने का मौका मिला था।


सीटों का संभावित बंटवारा

विधानसभा चुनाव में जदयू को 243 में से 102 या 103 सीटें मिलने की संभावना है। वहीं भाजपा को 101 से 102 सीटें मिल सकती हैं। 40 सीटें लोक जनशक्ति पार्टी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के बीच बांटी जाएंगी। चिराग पासवान की पार्टी को 25 से 28 सीटें मिलने का अनुमान है। जीतन राम मांझी को 6 से 7 सीटें और उपेंद्र कुशवाहा को 4 से 5 सीटें मिल सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि एनडीए का चेहरा नीतीश कुमार होंगे, और जदयू बड़े भाई की भूमिका में रहेगा।


तेजस्वी यादव की मांग

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उनका उद्देश्य कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 85 फीसदी करने के लिए नए विधेयक पेश करना है। तेजस्वी ने पत्र में नीतीश सरकार पर इस मुद्दे को जानबूझकर टालने का आरोप लगाया। जब वह बिहार के उपमुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण को 75 फीसदी तक बढ़ाया था।