बिहार विधानसभा चुनाव: AIMIM का अनोखा दृष्टिकोण, संविधान को बताया अपना घोषणा पत्र

बिहार विधानसभा चुनाव में AIMIM ने घोषणा पत्र जारी न करने का निर्णय लिया है, जबकि पार्टी के नेता अख्तरुल ईमान ने संविधान को अपना असली घोषणा पत्र बताया है। उन्होंने सीमांचल के लोगों की जागरूकता और उनके समर्थन की बात की है। इस चुनाव में नीतीश कुमार के काम पर वोट मिलने की उम्मीद जताई गई है। जानें AIMIM की चुनावी रणनीति और अन्य दलों के दृष्टिकोण के बारे में।
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बिहार विधानसभा चुनाव: AIMIM का अनोखा दृष्टिकोण, संविधान को बताया अपना घोषणा पत्र

AIMIM का चुनावी दृष्टिकोण

बिहार विधानसभा चुनाव: AIMIM का अनोखा दृष्टिकोण, संविधान को बताया अपना घोषणा पत्र

असदुद्दी ओवैसी और अख्तारुल ईमान

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने वादों और दावों का प्रचार शुरू कर दिया है। इस बीच, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने घोषणा पत्र जारी न करने का निर्णय लिया है।

AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि उन्हें झूठे वादों पर विश्वास नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान ही उनकी पार्टी का असली घोषणा पत्र है। ईमान ने यह भी बताया कि सीमांचल के लोग अब जागरूक हो चुके हैं और उन्हें लगता है कि दिल्ली और पटना की सरकारों ने उनके साथ अन्याय किया है।

लोगों की वापसी का दावा

अख्तरुल ईमान ने कहा कि पिछले चुनाव में लोग यहां से चले गए थे, जिससे नुकसान हुआ। लेकिन अब लोग वापस लौट रहे हैं और AIMIM को समर्थन दे रहे हैं। उनका विश्वास है कि इस बार उनकी पार्टी का प्रदर्शन बेहतर होगा।

संविधान को बताया घोषणा पत्र

उन्होंने स्पष्ट किया कि AIMIM कोई नया घोषणा पत्र नहीं लाएगी, क्योंकि बाबा भीमराव अंबेडकर द्वारा तैयार किया गया संविधान ही उनके लिए महत्वपूर्ण है। उनका उद्देश्य शोषित और वंचित वर्गों का विकास करना है और सभी नागरिकों को समान अधिकार दिलाना है।

नीतीश कुमार के काम पर वोट की उम्मीद

अमौर विधानसभा क्षेत्र से जनता दल यूनाइटेड (JDU) की प्रत्याशी सबा जफर ने भी मीडिया से बातचीत में कहा कि नीतीश कुमार के कार्यों के आधार पर उन्हें वोट मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कई पार्टियां केवल धार्मिक आधार पर वोट मांग रही हैं, जबकि विकास की अनदेखी हो रही है।