बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों का बंटवारा

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों का बंटवारा चर्चा का विषय बना हुआ है। क्या नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे या बीजेपी का नया चेहरा सामने आएगा? जानें इस बार चुनावी रणनीतियों और राजनीतिक समीकरणों के बारे में। क्या बीजेपी जेडीयू को कमजोर कर देगी? इस चुनाव में क्या नया देखने को मिलेगा? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों का बंटवारा

बिहार चुनाव 2025 पर सभी की नजरें

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों का बंटवारा

बिहार चुनाव 2025 पर सबकी नजर


बिहार विधानसभा चुनाव की सीट बंटवारे ने राजनीतिक माहौल को और भी रोचक बना दिया है। एनडीए की जीत पर नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं, इस पर चर्चा तेज हो गई है। जेडीयू का स्थान नई एनडीए सरकार में कितना महत्वपूर्ण होगा, यह भी सवाल बना हुआ है। बीजेपी और जेडीयू के बीच गठबंधन के इतिहास में पहली बार दोनों दल समान संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। 2025 के चुनाव में दोनों दल 101-101 उम्मीदवार उतारेंगे, जबकि चिराग पासवान की पार्टी को 29 सीटें दी गई हैं। बीजेपी ने हमेशा जेडीयू से कम सीटें जीती हैं, लेकिन 2020 में बीजेपी ने जेडीयू से अधिक सीटें हासिल की थीं।


इस बार बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों का बंटवारा समान है। प्रचार में नीतीश कुमार का चेहरा गायब है, जबकि बीजेपी के नेता अधिक आक्रामक नजर आ रहे हैं। अब यह देखना होगा कि बिहार में कौन सा दल बड़ा भाई बनता है। क्या बीजेपी भी महाराष्ट्र की तरह जेडीयू को कमजोर कर देगी? बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एनडीए सरकार के नारे को आगे बढ़ाया है, लेकिन स्पष्ट नहीं किया है कि चुनाव जीतने पर जेडीयू को बीजेपी का समर्थन लेना होगा। संभव है कि मुख्यमंत्री का चेहरा भी नया हो।


बीजेपी का आत्मविश्वास

बीजेपी का यह आत्मविश्वास बिना कारण नहीं है। बिहार में बीजेपी हमेशा जेडीयू के पीछे रही है, लेकिन नीतीश कुमार ने पिछड़े, दलित, मुस्लिम और सवर्णों का समर्थन हासिल किया है। यह सब लालू प्रसाद यादव और आरजेडी के विरोध की वजह से संभव हुआ। जो लोग आरजेडी को पसंद नहीं करते थे, उन्होंने नीतीश को अपना नेता माना। बीजेपी ने धीरे-धीरे नीतीश को आगे रखकर अपने मतदाता वर्ग का विस्तार किया है।


बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों का बंटवारा


बीजेपी की ग्रोथ का इतिहास

पिछले चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी की ग्रोथ लगातार बढ़ी है। 2005 के चुनाव में जेडीयू ने 139 सीटों पर चुनाव लड़ा और 88 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी ने 102 सीटों पर चुनाव लड़ा और 55 सीटें जीतीं। दोनों दलों का प्रदर्शन लगभग समान था। 2010 में बीजेपी की ग्रोथ जेडीयू से अधिक रही, जब एनडीए ने बंपर जीत हासिल की। जेडीयू ने 141 सीटों पर चुनाव लड़ा और 115 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी ने 102 सीटों पर चुनाव लड़ा और 91 सीटें जीतीं।


2015 में नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव के साथ गठबंधन किया, जिससे जेडीयू-आरजेडी का नया गठबंधन बना। नीतीश फिर से मुख्यमंत्री बने, जबकि बीजेपी ने 157 सीटों पर चुनाव लड़ा और 53 सीटें जीतीं।


2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की स्ट्राइक रेट सबसे अधिक रही। जेडीयू ने 115 और बीजेपी ने 110 सीटों पर उम्मीदवार उतारे। जेडीयू को 43 सीटें मिलीं, जबकि बीजेपी ने 74 सीटें जीतीं। वोट शेयर में भी बीजेपी ने जेडीयू को पीछे छोड़ दिया।


इन आंकड़ों को देखते हुए नीतीश कुमार की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं। क्या नीतीश कुमार का उपयोग अब समाप्त हो गया है? क्या एनडीए जीतने पर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे? बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों का समान बंटवारा चिराग पासवान के बढ़ते कद का संकेत है।