बिहार विधानसभा चुनाव 2025: तीन सीटों पर नामांकन रद्द, सियासी समीकरण में बदलाव
बिहार चुनाव में अप्रत्याशित घटनाएं
पटना: जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, कई अप्रत्याशित घटनाएं सामने आ रही हैं। नामांकन की जांच के बाद, तीन विधानसभा सीटों पर राजनीतिक समीकरण अचानक बदल गए हैं। इनमें से दो सीटें महागठबंधन की हैं, जबकि एक एनडीए को झटका लगा है। दरअसल, मोहनिया, सुगौली और मढ़ौरा विधानसभा सीटों से तीन उम्मीदवारों का नामांकन रद्द कर दिया गया है। इसका अर्थ यह है कि इन सीटों पर तीनों गठबंधनों को बिना चुनाव लड़े ही नुकसान उठाना पड़ा है.
मोहनिया सीट पर आरजेडी को झटका
मोहनिया विधानसभा सीट पर सबसे बड़ा विवाद है, जहां आरजेडी की उम्मीदवार श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया गया है। चुनाव आयोग की जांच में यह पाया गया कि श्वेता ने 2020 के विधानसभा चुनाव में भी मोहनिया से नामांकन किया था, लेकिन उस समय उन्होंने अपना पता उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के सकलडीहा विधानसभा के रूप में दर्ज कराया था। इस बार उन्होंने बिहार का पता दिया, लेकिन आयोग ने उनके दावे को पर्याप्त साक्ष्य के बिना मानने से इनकार कर दिया। आयोग ने कहा कि श्वेता सुमन अब भी उत्तर प्रदेश की मूल निवासी मानी जाएंगी, इसलिए उनका नामांकन अमान्य कर दिया गया। इस फैसले से आरजेडी को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि मोहनिया सीट पर पार्टी की पिछली बार मजबूत उपस्थिति थी। अब महागठबंधन को इस सीट पर नया उम्मीदवार उतारने या किसी सहयोगी दल को समर्थन देने की योजना बनानी होगी.
सुगौली सीट पर वीआईपी का नामांकन रद्द
पूर्वी चंपारण की सुगौली विधानसभा सीट पर भी महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है। यहां विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के उम्मीदवार शशि भूषण सिंह का नामांकन तकनीकी कारणों से रद्द कर दिया गया। जानकारी के अनुसार, नामांकन पत्र में कुछ आवश्यक दस्तावेज अधूरे थे और सत्यापन के दौरान आयोग को कई विसंगतियां मिलीं। जांच के बाद रिटर्निंग ऑफिसर ने शशि भूषण सिंह का नामांकन अमान्य घोषित कर दिया। इस घटनाक्रम से न केवल वीआईपी बल्कि पूरे महागठबंधन के समीकरण प्रभावित हुए हैं। सुगौली सीट पर एनडीए का मुकाबला महागठबंधन से सीधा माना जा रहा था। अब महागठबंधन को या तो नए प्रत्याशी की घोषणा करनी होगी या स्वतंत्र उम्मीदवार को समर्थन देना होगा.
मढ़ौरा सीट पर एनडीए को झटका
एनडीए को छपरा जिले की मढ़ौरा विधानसभा सीट पर भी बड़ा झटका लगा है। यहां चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की प्रत्याशी सीमा सिंह का नामांकन रद्द कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार, सीमा सिंह के नामांकन पत्र में आयकर और संपत्ति से संबंधित दस्तावेजों में गंभीर त्रुटियां थीं। सत्यापन के दौरान ये विसंगतियां सामने आने के बाद निर्वाचन पदाधिकारी ने उनका नामांकन रद्द कर दिया। इससे एनडीए की स्थिति मढ़ौरा में कमजोर हुई है, क्योंकि लोजपा (रामविलास) इस सीट पर नए सिरे से उम्मीदवार नहीं उतार सकती, क्योंकि नामांकन की समयसीमा खत्म हो चुकी है. अब यह सीट एनडीए के लिए बिना लड़े हार का कारण बन गई है.
चुनाव में नया मोड़
इन तीन सीटों पर नामांकन रद्द होने की घटनाओं ने बिहार के चुनावी परिदृश्य में एक नया मोड़ ला दिया है। महागठबंधन को मोहनिया और सुगौली में नुकसान हुआ है, जहां अब विपक्षी दलों को सीधा फायदा हो सकता है। वहीं एनडीए को मढ़ौरा सीट पर नुकसान हुआ है, जो सारण क्षेत्र में उसकी मजबूत पकड़ वाली सीट मानी जाती थी। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि नामांकन प्रक्रिया में यह लापरवाही उम्मीदवारों और दलों की तैयारी पर सवाल उठाती है। ऐसे समय में जब हर सीट पर मुकाबला कड़ा है, एक भी उम्मीदवार की अयोग्यता सीधे सत्ता संतुलन को प्रभावित कर सकती है.
गठबंधन की आगे की रणनीति
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आरजेडी, वीआईपी और लोजपा (रामविलास) इन सीटों पर क्या रणनीति अपनाते हैं। क्या ये दल स्वतंत्र उम्मीदवारों को समर्थन देंगे या गठबंधन के भीतर सीट समायोजन का नया फार्मूला सामने आएगा? फिलहाल इतना तय है कि बिहार चुनाव 2025 की शुरुआत तीन हार और कई सवालों के साथ हुई है और इन तीन सीटों की कहानी कहीं इस चुनाव के शुरुआती राजनीतिक नतीजों की ओर तो इंगित नहीं कर रही है!
