बिहार में शिक्षक का निलंबन: चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन

बिहार के अररिया में एक शिक्षक को चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। ओमप्रकाश यादव पर एक राजनीतिक दल के पक्ष में प्रचार करने और सोशल मीडिया पर पक्षपाती टिप्पणियां करने का आरोप है। शिक्षा विभाग ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है और निलंबन के दौरान उन्हें मुख्यालय पर रहने का आदेश दिया गया है। इस घटना ने अन्य सरकारी कर्मचारियों को भी सतर्क कर दिया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और विभागीय कार्रवाई के बारे में।
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बिहार में शिक्षक का निलंबन: चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन

बिहार में शिक्षक का निलंबन

बिहार में शिक्षक का निलंबन: चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन


अररिया: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, जिला शिक्षा विभाग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में सख्त कदम उठाया है। नरपतगंज प्रखंड के खाब्दह डुमरिया स्थित मध्य विद्यालय में कार्यरत विशिष्ट शिक्षक ओमप्रकाश यादव को तुरंत निलंबित कर दिया गया है। उन पर एक राजनीतिक दल के समर्थन में प्रचार करने, नेताओं के साथ तस्वीरें साझा करने और सोशल मीडिया पर पक्षपाती टिप्पणियां करने के आरोप लगे हैं। यह कार्रवाई बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के तहत की गई है।


फेसबुक पोस्ट के आधार पर निलंबन: जांच में यह सामने आया कि ओमप्रकाश यादव ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक राजनीतिक दल के नेताओं के साथ तस्वीरें साझा की थीं। इसके अलावा, उन्होंने उस दल के पक्ष में टिप्पणियां कीं, जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। शिक्षा विभाग ने इसे शिक्षक के आचरण और विभागीय नियमों के खिलाफ माना। इस गंभीर मामले को देखते हुए विभाग ने त्वरित कार्रवाई की और शिक्षक को निलंबित करने का आदेश जारी किया।


निलंबन के दौरान मुख्यालय: जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, ओमप्रकाश यादव को निलंबन के दौरान प्रखंड संसाधन केंद्र, कुर्साकांटा में मुख्यालय के रूप में रहना होगा। इस अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता भी दिया जाएगा। साथ ही, उनके खिलाफ आरोप पत्र प्रपत्र ‘क’ अलग से जारी किया जाएगा, जिसके आधार पर आगे की विभागीय कार्रवाई की जाएगी।


आचार संहिता का उल्लंघन गंभीर: चुनावी प्रक्रिया के दौरान आदर्श आचार संहिता का पालन सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है। शिक्षक जैसे महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत व्यक्ति से इस तरह के व्यवहार की अपेक्षा नहीं की जाती। विभाग का कहना है कि ओमप्रकाश यादव का कृत्य न केवल आचार संहिता का उल्लंघन है, बल्कि यह शिक्षक समुदाय की प्रतिष्ठा को भी प्रभावित करता है। इस कार्रवाई को एक चेतावनी के रूप में भी देखा जा रहा है।


विभागीय जांच की प्रक्रिया: निलंबन के साथ ही ओमप्रकाश यादव के खिलाफ विभागीय जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिला शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में सभी तथ्यों की गहन जांच की जाएगी। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो शिक्षक को और कठोर सजा का सामना करना पड़ सकता है। विभाग ने अन्य कर्मचारियों को भी चेतावनी दी है कि वे चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता बनाए रखें और किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल न हों।


शिक्षा विभाग की सख्ती का संदेश: इस कार्रवाई के माध्यम से जिला शिक्षा विभाग ने स्पष्ट संदेश दिया है कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा। विशेष रूप से शिक्षकों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने आचरण से समाज में एक आदर्श प्रस्तुत करें। इस घटना ने अन्य सरकारी कर्मचारियों को भी सतर्क कर दिया है कि वे अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा और निष्पक्षता के साथ करें।