बिहार में विपक्ष का मतदाता सूची पुनरीक्षण पर विरोध प्रदर्शन

विपक्षी दलों का विरोध प्रदर्शन
बिहार में विपक्षी पार्टियों ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया गया कि वे विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं के अधिकारों को छीनने का प्रयास कर रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वामपंथी दलों के सदस्यों ने विधानसभा की सीढ़ियों पर तख्तियां लेकर नारेबाजी की, जिसमें उन्होंने राज्य में कथित वोट चोरी के खिलाफ आवाज उठाई।
विधानसभा में विधायकों का प्रवेश
सूत्रों के अनुसार, विधायकों को बिना किसी रुकावट के विधानसभा में प्रवेश देने के लिए एक अतिरिक्त दरवाजा खोला गया। विपक्षी विधायकों ने कहा कि वे सरकार की नीतियों का पर्दाफाश करने के लिए सदन की कार्यवाही में बाधा डालेंगे। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्होंने बार-बार इस मुद्दे पर आपत्ति जताई है, यह बताते हुए कि कई गरीबों के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं, जिससे वे मतदाता नहीं बन सकते।
तेजस्वी यादव की टिप्पणी
तेजस्वी यादव ने कहा कि हम अदालत, सड़क और सदन में इस मुद्दे के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने चुनाव आयोग की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाया, यह कहते हुए कि आयोग ने इस मुद्दे पर कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की। बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि लाखों मतदाताओं के अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है, और सदन को चलने नहीं दिया जा सकता।
सदन का कार्यवाही
हालांकि, सदन के सदस्यों के लिए एक और प्रवेश द्वार खोलने की आवश्यकता पड़ी ताकि विधानसभा सत्र का दूसरा दिन शुरू हो सके। कांग्रेस नेता शकील अहमद ने भी चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार में लोकतंत्र की कमी है।
तेजस्वी यादव का ट्वीट
#WATCH | दिल्ली | बिहार में एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) अभ्यास पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव कहते हैं, "हम अदालत, सड़कों और सदन में लड़ाई कर रहे हैं। लेकिन चुनाव आयोग बेशर्म हो गया है। ईसीआई ने इस मुद्दे पर एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की।… pic.twitter.com/SRUupDGyxF
— News Media (@NewsMedia) 22 जुलाई, 2025