बिहार में विजयादशमी पर सियासी हलचल: जदयू और बीजेपी का रावण दहन

विजयादशमी के अवसर पर बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है। जदयू ने एक एआई वीडियो में लालू प्रसाद यादव को रावण के रूप में दर्शाया, जबकि बीजेपी ने तेजस्वी यादव को इसी रूप में दिखाया। इस राजनीतिक बयानबाजी ने बिहार में सियासत को गरमा दिया है। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और क्या है जनता की प्रतिक्रिया।
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बिहार में विजयादशमी पर सियासी हलचल: जदयू और बीजेपी का रावण दहन

दशहरा पर सियासत का माहौल

बिहार में विजयादशमी पर सियासी हलचल: जदयू और बीजेपी का रावण दहन

दशहरा पर सियासत.

विजयादशमी के अवसर पर गुरुवार को देशभर में रावण का दहन किया जा रहा है। इस दिन बिहार में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। जदयू ने इस मौके पर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक एआई द्वारा निर्मित वीडियो साझा किया है।

इस वीडियो में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को रावण के रूप में दर्शाया गया है, जिसमें उनके 10 सिर भी दिखाए गए हैं, जिन्हें जलते हुए दिखाया गया है।

वीडियो में लालू यादव को हंसते हुए दिखाया गया है, उनके गले में एक लालटेन का लॉकेट लटका हुआ है। अन्य सिरों पर छिनतई, जातीय हिंसा, भ्रष्टाचार, लूट, रंगदारी, अपहरण और अपराध जैसे शब्द लिखे गए हैं।

बिहार में रावण वध पर राजनीतिक बयानबाजी

वीडियो में एक युवक को तीर-धनुष के साथ रावण के रूप में लालू प्रसाद यादव का वध करते हुए दिखाया गया है। इसके साथ ही यह संदेश दिया गया है कि बुराई की हमेशा हार होती है।

जदयू ने यह भी कहा कि इस विजयादशमी पर बिहार की जनता बुराई का पूरी तरह से नाश कर देगी। बुराई हमेशा हारती रही है और इस बार भी ऐसा ही होगा। दूसरी ओर, बीजेपी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को रावण के रूप में दर्शाया है।

लालू की तुलना से बढ़ी राजनीतिक गर्माहट

बीजेपी के कुंदन कृष्ण ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव ने जनता के साथ जिस तरह से व्यवहार किया है, वह असुरों जैसा है। उनके शासन में लोगों की सुरक्षा नहीं थी और वे डर के साए में जीने को मजबूर थे।

उन्होंने यह भी कहा कि लालू यादव के शासन में लूट, अपहरण और बलात्कार जैसी घटनाओं में वृद्धि हुई थी। बिहार की जनता ने उनके शासन का अंत कर रामराज की स्थापना की है। बीजेपी का दावा है कि रामराज आगे भी बना रहेगा, जिसकी गारंटी बिहार की जनता ने दी है.