बिहार में रेलवे और राजमार्ग परियोजनाओं को मिली मंजूरी, 7,500 करोड़ का निवेश

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार में 7,500 करोड़ रुपये की रेलवे और राजमार्ग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर और भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेलवे लाइन का दोहरीकरण शामिल है। ये परियोजनाएँ बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएंगी। मंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं का निर्माण तीन वर्षों में पूरा होगा, जिससे क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास होगा।
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बिहार में रेलवे और राजमार्ग परियोजनाओं को मिली मंजूरी, 7,500 करोड़ का निवेश

केंद्रीय मंत्री का बयान

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज जानकारी दी कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार में 7,500 करोड़ रुपये की एक रेलवे और एक राजमार्ग परियोजना को स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा कि देश में बुनियादी ढांचे के विकास की गति में सुधार हुआ है। बुधवार को कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान, वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी है।


बुनियादी ढांचे का विस्तार

कैबिनेट ने बिहार में बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर के चार-लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस-कंट्रोल्ड मोकामा-मुंगेर खंड के निर्माण को भी मंजूरी दी है। इसके अलावा, भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट सिंगल रेलवे लाइन सेक्शन (177 किलोमीटर) के दोहरीकरण को भी स्वीकृति मिली है, जिसकी कुल लागत 3,169 करोड़ रुपये है।


महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह परियोजना बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ने में महत्वपूर्ण है। मानचित्र पर देखने पर, यह बिहार से शुरू होकर रामपुरहाट में झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ती है। वर्तमान में, अधिकांश ट्रेनें भागलपुर से मालदा टाउन और रामपुरहाट होते हुए हावड़ा जाती हैं।


परियोजनाओं का लाभ

उन्होंने आगे कहा कि इस दोहरीकरण के बाद, कई ट्रेनें भागलपुर से दुमका और वहां से सीधे रामपुरहाट जा सकेंगी। यह परियोजना देवघर तीर्थस्थल को भी जोड़ती है, जिससे दक्षिण बिहार को कोलकाता से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। वैष्णव ने कहा, "दोनों परियोजनाएँ तीन वर्षों में पूरी हो जाएँगी।"


निर्माण की लागत

मोकामा-मुंगेर खंड मोकामा, बड़हिया, लखीसराय, जमालपुर, मुंगेर जैसे महत्वपूर्ण शहरों से होकर गुजरता है। इस 82.4 किलोमीटर लंबी परियोजना का निर्माण हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM) के तहत ₹4,447.38 करोड़ की पूंजीगत लागत से किया जाएगा।


परियोजनाओं का उद्देश्य

विज्ञप्ति में कहा गया है कि ये परियोजनाएँ पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत बनाई गई हैं, जिसका उद्देश्य एकीकृत योजना और हितधारकों के परामर्श के माध्यम से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाना है। ये परियोजनाएँ लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।