बिहार में महा-अभियान से मिली 44 लाख से अधिक आवेदन, जमाबंदी सुधार में सबसे ज्यादा रुचि
बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा चलाए गए महा-अभियान में 44 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जमाबंदी में त्रुटि सुधार करना है, जिसमें सबसे अधिक आवेदन आए हैं। औरंगाबाद जिले ने सबसे अधिक आवेदन प्राप्त किए हैं, जबकि अन्य जिलों ने भी सक्रिय भागीदारी दिखाई है। विभाग ने सभी आवेदन ऑनलाइन संधारण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और शिविरों में ऑफलाइन आवेदन को भी जल्द ही ऑनलाइन किया जाएगा। यह अभियान भूमि संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
Sep 22, 2025, 18:28 IST
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बिहार में महा-अभियान का सफल आयोजन
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा 16 अगस्त से 20 सितंबर 2025 तक चलाए गए महा-अभियान में राज्यवासियों से अभूतपूर्व संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस दौरान कुल 44,95,887 आवेदन आए, जिनमें सबसे अधिक जमाबंदी में त्रुटि सुधार के लिए थे।
आवेदनों का विस्तृत विवरण
जमाबंदी त्रुटि सुधार: 33,72,694
ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करने हेतु: 5,74,252
उत्तराधिकार नामांतरण: 2,97,195
बंटवारा नामांतरण: 2,51,746
जिलावार प्रदर्शन
औरंगाबाद जिले ने 3,00,608 आवेदनों के साथ पूरे राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया। इसके बाद गोपालगंज (2,24,608), दरभंगा (2,17,799), समस्तीपुर (2,11,416), गया (2,05,372) और पटना (2,00,662) का स्थान आता है। शीर्ष 10 जिलों में अररिया, सुपौल, मधुबनी, पूर्वी चंपारण और सिवान भी शामिल हैं। अन्य जिलों में सीतामढ़ी, नालंदा, भोजपुर, मुजफ्फरपुर, रोहतास, बांका, खगड़िया, जमुई और वैशाली ने भी उल्लेखनीय भागीदारी की है। इस महा-अभियान के अंतर्गत रैयतों को उनके घर तक जमाबंदी पंजी की प्रति उपलब्ध कराई गई। इस दौरान जमाबंदी में त्रुटि सुधार, ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करने, उत्तराधिकार एवं बंटवारा नामांतरण के आवेदन लिए गए। अब इन आवेदनों का अंचलस्तर पर ऑनलाइन संधारण किया जा रहा है।
आवेदन अपलोडिंग और सत्यापन प्रक्रिया
विभाग ने निर्देश जारी किया है कि शिविरों में ऑफलाइन लिए गए सभी आवेदन 26 सितंबर तक महा-अभियान पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने प्रमंडलीय आयुक्तों और सभी समाहर्त्ताओं को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि अंतिम दिनों में भीड़ और तकनीकी समस्या के कारण कई स्थानों पर आवेदन ऑफलाइन लिए गए थे, जिन्हें अब निर्धारित समय सीमा के भीतर ऑनलाइन करना आवश्यक है। यह जिम्मेदारी अंचलाधिकारियों की होगी और कार्य केवल उन्हीं कर्मियों के लॉगिन से किया जाएगा, जिन्हें अंचलाधिकारी ने अधिकृत किया है। आवेदनों के अपलोड होने पर आवेदक को एसएमएस के माध्यम से सूचना दी जाएगी। विभाग ने 22 से 27 सितंबर 2025 तक शिविरों में प्राप्त प्रपत्रों और आवेदनों के संधारण की जांच का निर्णय लिया है।
सभी 38 जिलों में भ्रमण कार्यक्रम
जिम्मेदार अधिकारी – सचिव, निदेशक, अपर सचिव, संयुक्त सचिव और विशेष कार्य पदाधिकारी – अपने-अपने जिलों में जाकर यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी आवेदन सुरक्षित और सुव्यवस्थित रूप से संधारित किए गए हैं। राजस्व महा-अभियान, राज्य में भूमि संबंधी समस्याओं के समाधान की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल सिद्ध हुआ है। ज्ञात हो कि अभियान से पूर्व भी ये सभी सेवाएं ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध थीं तथा अभियान की समाप्ति के बाद भी बिहारभूमि पोर्टल पर चारों सेवाएं (जमाबंदी सुधार, ऑफलाइन से ऑनलाइन जमाबंदी, उत्तराधिकार नामांतरण, बंटवारा नामांतरण) पूर्व की भांति अब भी ऑनलाइन मोड में उपलब्ध हैं। आमजनों की सुविधा के लिए विभाग की तरफ से उक्त चार सेवायें नियमित समय के लिये कैम्प मोड में ऑफलाइन माध्यम से भी प्रदान की गईं।