बिहार में मतदाता सूची संशोधन: 2 लाख से अधिक नाम हटाने की मांग

बिहार में चल रहे मतदाता सूची संशोधन अभियान में 2 लाख से अधिक लोगों ने नाम हटाने के लिए आपत्तियां दर्ज की हैं, जबकि 30,000 से कम नाम जोड़ने के लिए आवेदन आए हैं। चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया की जानकारी साझा की है, जिसमें नए मतदाताओं के पंजीकरण में भी वृद्धि देखी गई है। आयोग ने संदिग्ध मतदाताओं को नोटिस भेजे हैं, जिससे और नाम हटाने की संभावना बन गई है। जानें इस प्रक्रिया के बारे में और क्या जानकारी मिली है।
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बिहार में मतदाता सूची संशोधन: 2 लाख से अधिक नाम हटाने की मांग

मतदाता सूची संशोधन की स्थिति

बिहार में चल रहे मतदाता सूची संशोधन अभियान ने एक नया मोड़ ले लिया है। लगभग 2 लाख लोगों ने नाम हटाने के लिए आपत्तियां दर्ज की हैं, जबकि नाम जोड़ने के लिए प्राप्त आवेदनों की संख्या 30,000 से कम है। शनिवार को, चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी साझा की, जब अंतिम तिथि 1 सितंबर अब केवल दो दिन दूर है।


आवेदन की संख्या

1 अगस्त को ड्राफ्ट सूची जारी होने के बाद से, नाम हटाने के लिए 1,97,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं और नाम जोड़ने के लिए 29,872 आवेदन आए हैं। पहले ये आंकड़े एक साथ प्रस्तुत किए गए थे, जिससे यह समझना मुश्किल था कि कितने नाम जोड़े जा रहे हैं या हटाए जा रहे हैं।


नए मतदाताओं का पंजीकरण

इस बीच, नए मतदाताओं के पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आयोग के अनुसार, 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके युवाओं द्वारा 13.3 लाख फॉर्म-6 आवेदन प्रस्तुत किए गए हैं, जिनमें से 61,000 से अधिक का निपटारा किया गया है। इसके अलावा, चुनाव पंजीकरण अधिकारियों ने समय सीमा के भीतर 33,771 अन्य मामलों का समाधान किया है।


ड्राफ्ट मतदाता सूची

वर्तमान में ड्राफ्ट मतदाता सूची में 7.24 करोड़ नाम हैं, लेकिन यदि सभी नए आवेदनों को स्वीकार किया जाता है, तो यह संख्या और बढ़ सकती है।


संदिग्ध मतदाताओं को नोटिस

इसके साथ ही, आयोग ने लगभग 3 लाख मतदाताओं को नोटिस भेजे हैं जिनकी जानकारी संदिग्ध पाई गई है या जिनके पास नागरिकता के पर्याप्त दस्तावेज नहीं हैं। इससे पहले से हटाए गए 65 लाख नामों के अलावा और नाम हटाने की संभावना बन गई है।