बिहार में मतदाता सूची में अनियमितताओं का आरोप, कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल

कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को बिहार में मतदाता सूची में अनियमितताओं का दावा किया। उन्होंने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद यह समस्या सामने आई है। रमेश ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि एक ही घर में 247 मतदाता दर्ज हैं और एक बूथ पर एक व्यक्ति का नाम तीन बार दिखाई दे रहा है। उन्होंने चुनाव आयोग को भाजपा की बी-टीम करार देते हुए आरोप लगाया कि यह सब सत्तारूढ़ सरकार के इशारे पर हो रहा है।
चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
रमेश ने एक एक्स पोस्ट में लिखा कि चुनाव आयोग ने भाजपा के इशारे पर पूरी एसआईआर प्रक्रिया का नाटक रचा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा किए गए सुधारों के दावे भी झूठे साबित हो रहे हैं। बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से ऐसी रिपोर्टें आ रही हैं जो यह दर्शाती हैं कि इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य भाजपा और उसके सहयोगियों को राजनीतिक लाभ पहुँचाना है। उन्होंने कहा, "एसआईआर प्रक्रिया के बाद भी, अंतिम सूची में अनियमितताओं के कई उदाहरण हैं, जो यह दर्शाते हैं कि चुनाव आयोग सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अनदेखी कर रहा है।"
मुख्य चुनाव आयुक्त से सवाल
जयराम रमेश ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से भी सवाल पूछे। उन्होंने पूछा, "क्या मुख्य चुनाव आयुक्त बताएँगे कि एक ही घर में 247 मतदाता कैसे हो सकते हैं और एक ही बूथ पर एक व्यक्ति का नाम तीन बार क्यों है?" उन्होंने यह भी कहा कि एसआईआर प्रक्रिया से पहले की सूची की तुलना में लगभग 47 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, जो पिछले चुनावों में जीत के अंतर से भी अधिक है।
चिंताजनक स्थिति
रमेश ने यह भी बताया कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में हटाए गए मतदाताओं की संख्या पिछले चुनावों में जीत के अंतर से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को देश के सभी मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करना चाहिए और इसे किसी राजनीतिक दल की कठपुतली नहीं बनना चाहिए।