बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर निर्वाचन आयोग का स्पष्टीकरण

बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण को लेकर निर्वाचन आयोग ने विपक्षी दलों के आरोपों का खंडन किया है। आयोग ने कहा कि राजद ने अपने अधिकृत प्रतिनिधि का नाम साझा नहीं किया। इसके अलावा, आयोग ने गहन पुनरीक्षण के दौरान मतदाताओं के अधिकारों के वंचित होने के दावे को भी खारिज किया। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
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बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर निर्वाचन आयोग का स्पष्टीकरण

निर्वाचन आयोग ने विपक्ष के आरोपों का किया खंडन

बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी दलों द्वारा निर्वाचन आयोग पर उठाए गए सवालों के बीच, आयोग ने बुधवार को कुछ नेताओं के आरोपों की जांच की और उन्हें निराधार बताते हुए खारिज कर दिया।


राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज कुमार झा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए बैठक का समय नहीं दिया। इस पर आयोग ने उत्तर दिया कि झा अपनी पार्टी के अधिकृत प्रतिनिधि नहीं हैं।


आयोग ने स्पष्ट किया कि हाल ही में पार्टी अध्यक्षों से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए नेताओं के नाम साझा करने को कहा गया था, लेकिन राजद ने झा का नाम अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में नहीं दिया।


पिछले दो दिनों से निर्वाचन आयोग ने हैशटैग ईसीआईफैक्टचेक का उपयोग किया है, ताकि पुनरीक्षण प्रक्रिया से संबंधित किसी भी गलत जानकारी का उत्तर दिया जा सके। आयोग ने राजद नेता तेजस्वी यादव के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि गहन पुनरीक्षण से बिहार के करोड़ों मतदाता मताधिकार से वंचित हो जाएंगे।


आयोग ने बताया कि उसने लगभग चार करोड़ आवेदन पत्र वितरित किए थे, जिन्हें वापस प्राप्त किया गया है। भारतीय जनता पार्टी के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने आयोग की तथ्यान्वेषी प्रक्रिया का समर्थन किया।