बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर उपमुख्यमंत्री का बयान
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विपक्षी दलों द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के विरोध पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और राजद तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को दस्तावेजों को शामिल करने की अनुमति दी है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और आगामी सुनवाई की तारीख क्या है।
Jul 10, 2025, 17:22 IST
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बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर विवाद
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विपक्षी दलों द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के विरोध पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और राजद जैसे दल तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं और बांग्लादेशियों के अवैध प्रवेश को बढ़ावा दे रहे हैं। उनका कहना है कि चुनाव आयोग ने भारतीय नागरिकों से दस्तावेजों की मांग नहीं की है। बिहार में अवैध रूप से आए 15-20% लोगों ने राज्य की छवि को धूमिल किया है और अराजकता का माहौल पैदा किया है। यह स्थिति कांग्रेस और राजद के समर्थन से बनी है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
विजय कुमार सिन्हा ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य कर रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को जारी रखने की अनुमति दी है। अदालत ने कहा कि न्याय के हित में, चुनाव आयोग को आधार, राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र जैसे दस्तावेजों को शामिल करने पर विचार करना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं और उस पर विश्वास करते हैं। विपक्ष संविधान में विश्वास का दावा करता है, लेकिन संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करता है, जो कि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने इसे लोकतंत्र के लिए राहत की बात बताया है। इस मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड को सत्यापन प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग इस सुझाव का पालन करेगा, ऐसा उम्मीद है।