बिहार में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण: 97.30% मतदाता फॉर्म जमा कर चुके हैं
भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के बारे में जानकारी साझा की है। वर्तमान में, 97.30% मतदाता फॉर्म जमा कर चुके हैं, जबकि 52.3 लाख मतदाता अपने पंजीकृत पतों पर नहीं मिल पा रहे हैं। आयोग ने विभिन्न श्रेणियों में मतदाताओं की स्थिति का विवरण दिया है, जिसमें मृत और स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाता शामिल हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य 1 अगस्त, 2025 को मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन से पहले मतदाता सूची को साफ करना है।
Jul 22, 2025, 19:54 IST
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मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण
भारत निर्वाचन आयोग ने जानकारी दी है कि बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य चल रहा है। वर्तमान में, केवल 2.70% मतदाता ही फॉर्म भरने के लिए बचे हैं। अब तक, 97.30% मौजूदा मतदाताओं ने 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित होने वाली मसौदा मतदाता सूची में शामिल होने के लिए अपना गणना फॉर्म जमा कर दिया है। आयोग ने यह भी बताया कि बिहार में इस विशेष पुनरीक्षण के दौरान 52.3 लाख से अधिक मतदाता अपने पंजीकृत पतों पर नहीं मिल पा रहे हैं।
मतदाता की स्थिति का विवरण
ईसीआई द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, ये 52.3 लाख मामले - जो बिहार के कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं का 6.62% हैं - विभिन्न श्रेणियों में आते हैं। इनमें मृत मतदाता, स्थायी रूप से स्थानांतरित व्यक्ति, डुप्लिकेट नामांकन और पूरी तरह से लापता मतदाता शामिल हैं। चुनाव आयोग ने बताया कि यह समीक्षा लगभग 1 लाख बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा किए गए घर-घर जाकर सत्यापन अभियान का हिस्सा है, जिसमें राज्य के 12 प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 4 लाख स्वयंसेवकों और 1.5 लाख बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) का सहयोग शामिल है।
चुनाव आयोग के आंकड़े
चुनाव आयोग के आंकड़े निम्नलिखित विस्तृत वर्गीकरण प्रदान करते हैं:
- मृत मतदाता: 18,66,869 (2.36%)
- स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाता: 26,01,031 (3.29%)
- कई स्थानों पर नामांकित मतदाता: 7,50,742 (0.95%)
- अज्ञात मतदाता: 11,484 (0.01%)
राजनीतिक दलों का सहयोग
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ), निर्वाचक पंजीयन अधिकारी (ईआरओ) और बीएलओ पहले ही पार्टी प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कर चुके हैं। उन्होंने दो महत्वपूर्ण समूहों की सूचियाँ साझा की हैं:
- 21.36 लाख मतदाता जिनके गणना प्रपत्र (EF) अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं।
- 52.30 लाख मतदाता मृत, स्थायी रूप से स्थानांतरित, डुप्लिकेट या अनुपलब्ध के रूप में चिह्नित हैं।
मतदाता सूची की सफाई का उद्देश्य
चुनाव आयोग के अनुसार, इस प्रयास का उद्देश्य 1 अगस्त, 2025 को मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित होने से पहले मतदाता सूची को साफ़ करना है। आयोग ने कहा कि किसी भी आपत्ति दर्ज करने, नाम हटाने का अनुरोध करने या सुधार की मांग के लिए 1 अगस्त से 1 सितंबर, 2025 तक एक सार्वजनिक विंडो खुली रहेगी।