बिहार में बीजेपी की मुख्यमंत्री पद की मांग: क्या नीतीश कुमार का समय खत्म हो रहा है?

बिहार में राजनीतिक बदलाव की आहट
पटना: बिहार में एनडीए के भीतर बीजेपी की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं। क्या बीजेपी हमेशा जदयू के पीछे रह जाएगी? यह चिंता अब पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर समर्थकों तक में देखी जा रही है। विधानसभा चुनाव 2025 के नजदीक आते ही, बीजेपी नेतृत्व की मांग जोर पकड़ रही है। 2020 में यह मांग कार्यकर्ताओं के बीच थी, लेकिन अब मतदाता भी इसे उठाने लगे हैं।
एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, 33.7% मतदाता चाहते हैं कि बीजेपी इस बार मुख्यमंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा करे, जबकि केवल 24.2% लोग नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं।
सर्वेक्षण में यह भी सामने आया है कि 23.1% लोग मानते हैं कि बीजेपी के पास कोई अन्य विकल्प नहीं है और मजबूरी में नीतीश को आगे रखा जा रहा है। पिछले चुनावों में नीतीश कुमार का पाला बदलना भी चर्चा का विषय रहा है।
जातीय समीकरणों पर नजर डालें तो ओबीसी वोटरों में नए सीएम चेहरे की मांग सबसे अधिक (38%) है। इसके बाद उच्च जाति हिंदू (36%), अनुसूचित जाति (30%), जनजाति (29%) और मुसलमान (26%) का समर्थन है।
सर्वेक्षण में यह भी दर्शाया गया है कि 28.7% लोग मानते हैं कि नीतीश राज में कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है, जबकि 34.2% का मानना है कि स्थिति पहले से खराब हुई है।
मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव को 32.1% समर्थन मिला है, जबकि नीतीश कुमार को 25% वोट मिले हैं। तेजस्वी को मुसलमानों से सबसे अधिक समर्थन मिला है।