बिहार में नए पुल और सड़क परियोजनाओं को मिली स्वीकृति

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने हाल ही में भागलपुर जिले में एक उच्च स्तरीय आरसीसी पुल और विभिन्न सड़क परियोजनाओं को स्वीकृति दी है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और स्थानीय लोगों के लिए बेहतर यातायात सुविधाएं प्रदान करना है। कुल लागत करोड़ों में है, और कार्य की प्रगति की नियमित समीक्षा की जाएगी। जानें इस विकास के बारे में और क्या योजनाएं हैं।
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बिहार में नए पुल और सड़क परियोजनाओं को मिली स्वीकृति

बिहार में बुनियादी ढांचे का विकास

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने जानकारी दी है कि भागलपुर जिले के पीरपैंती प्रखण्ड में डोमनिया चौक से बाबूपुर भाया बाखरपुर पथ के छठे किलोमीटर पर एक उच्च स्तरीय आरसीसी पुल का निर्माण स्वीकृत किया गया है। यह पुल 6x21 मीटर के आकार में होगा। इसके साथ ही, पहुंच पथ का निर्माण भी किया जाएगा। इस परियोजना की कुल लागत 2336.44 लाख रुपये (तेईस करोड़ छत्तीस लाख चौवालीस हजार) होगी।


चौधरी ने बताया कि निविदा स्वीकृत होने के बाद कार्य शुरू किया जाएगा। इस परियोजना की जिम्मेदारी बिहार राज्य पुल निर्माण निगम को सौंपी गई है। 2025-26 में 1635 लाख रुपये से 70 प्रतिशत कार्य पूरा किया जाएगा, जबकि शेष 701.44 लाख रुपये से 2026-27 में कार्य समाप्त होगा। कार्य की प्रगति की मासिक समीक्षा की जाएगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार बिहार में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। 2005 की तुलना में राज्य में पुलों और सड़कों का निर्माण काफी बढ़ा है।


इसके अलावा, सम्राट चौधरी ने वैशाली पथ प्रमंडल- हाजीपुर अंतर्गत गोरौल–सोन्धो–मथनामल (12.66 किमी) सड़क के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण कार्य को भी स्वीकृति दी है। इस परियोजना की कुल लागत 1951.63 लाख रुपये (उन्नीस करोड़ इक्यावन लाख तिरेसठ हजार) होगी। चौधरी ने कहा कि सड़क के चौड़ीकरण से स्थानीय लोगों को बेहतर यातायात सुविधा मिलेगी, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार होगा और आर्थिक-सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।


इसके अतिरिक्त, पथ प्रमंडल पूर्णियां के अंतर्गत एन.एच.-107 से काझी (कुल लंबाई 6.000 किमी) के पथ चौड़ीकरण और मजबूतीकरण कार्य को भी स्वीकृति दी गई है। इस योजना की लागत 2261.70 लाख रुपये (बाईस करोड़ एकसठ लाख सत्तर हजार) होगी। चौधरी ने बताया कि पथ निर्माण विभाग से तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद निविदा प्रक्रिया पूरी कर जल्द ही कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इसके कार्यान्वयन और खर्च की जिम्मेदारी पथ प्रमंडल पूर्णियां के कार्यपालक अभियंता को दी गई है।