बिहार में नई सरकार के गठन की तैयारी, कैबिनेट में होंगे बड़े बदलाव
बिहार में नई सरकार का गठन
बिहार में नई सरकार के गठन को लेकर कवायद तेज
बिहार में चुनाव परिणामों के बाद दो प्रमुख प्रश्न उठ रहे हैं। पहला, अगला मुख्यमंत्री कौन होगा और दूसरा, नई सरकार का स्वरूप क्या होगा? एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री कोई भी बने, लेकिन कैबिनेट की संरचना में इस बार महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे। पहली बार, कैबिनेट में पांच पार्टियों का प्रतिनिधित्व होगा। इसके साथ ही, बीजेपी के मंत्रियों की संख्या में भी कमी आ सकती है। आइए, इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं…
मंत्री पद का नया फॉर्मूला
2020 में एनडीए ने 126 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिसके बाद 3.5 विधायकों पर एक मंत्री का फॉर्मूला लागू किया गया था। बिहार में अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस बार एनडीए को 202 सीटों पर जीत मिली है, जिससे 6 विधायकों पर एक मंत्री का नया फॉर्मूला लागू किया जा सकता है।
पिछली बार 3.5 विधायकों के फॉर्मूले के अनुसार जेडीयू के 13 और बीजेपी के 22 मंत्री थे। यदि 6 विधायकों का फॉर्मूला लागू होता है, तो नई सरकार में जेडीयू के 15, बीजेपी के 16 और लोजपा (आर) के 3 मंत्री हो सकते हैं। उपेंद्र कुशवाहा और हम को भी एक-एक मंत्री पद मिल सकता है।
पोर्टफोलियो के बंटवारे में भी बदलाव संभव है। पिछली बार बीजेपी को 26 विभाग मिले थे, लेकिन इस बार कुछ विभागों में कटौती हो सकती है। लोजपा (आर) को बीजेपी के बड़े विभाग भी मिल सकते हैं। पिछली कैबिनेट में बीजेपी के पास वित्त, योजना, पथ निर्माण, राजस्व, शहरी विकास, उद्योग, स्वास्थ्य, खनन, कृषि और कानून जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे।
जेडीयू के पास भी कुछ विभागों में फेरबदल हो सकता है। पिछली कैबिनेट में जेडीयू के पास गृह, इंटेलिजेंस, जल संसाधन, ग्रामीण विकास, शिक्षा, भवन निर्माण और मद्य निषेध जैसे प्रमुख विभाग थे। इस बार एक या दो विभागों में बदलाव संभव है।
कैबिनेट में मंत्रियों की छुट्टी की संभावना
नीतीश कैबिनेट के दो मंत्री चुनाव हार गए हैं। सहरसा से आलोक रंजन झा और चकाई से सुमीत सिंह एनडीए की लहर में हार गए हैं, जिससे ये दोनों अब कैबिनेट में नहीं रहेंगे। इसके अलावा, कुछ अन्य मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है। बीजेपी के पास 6 विधायकों के फॉर्मूले के अनुसार केवल 16 मंत्री पद होंगे, इसलिए उसे 5 मंत्रियों को हटाना होगा।
जेडीयू में भी कुछ मंत्रियों को बदला जा सकता है। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा चुनाव जीत गए हैं। पूर्व मंत्री श्याम रजक, पूर्व मंत्री अश्वमेघ देवी, पूर्व सांसद बुलो मंडल और दुलाल चंद्र गोस्वामी ने भी जीत दर्ज की है। ये सभी मंत्री पद के संभावित दावेदार हैं।
लोजपा (आर) कोटे से भी कई नामों की चर्चा हो रही है। हालांकि, अंतिम निर्णय चिराग पासवान को लेना है। मांझी की पार्टी से उनके बेटे संतोष सुमन का मंत्री बनना तय है। उपेंद्र कुशवाहा के चार विधायक जीते हैं, जिनमें से किसी एक को मंत्री बनाया जाएगा।
डिप्टी सीएम की संख्या पर सवाल
नीतीश कुमार ने जब भी मजबूत स्थिति में रहे हैं, तब उन्होंने केवल एक डिप्टी सीएम रखा है। 2020 में जब नीतीश कमजोर हुए, तो बीजेपी ने उनके साथ दो डिप्टी सीएम नियुक्त किए। इस बार बीजेपी और नीतीश दोनों मजबूत स्थिति में हैं।
इस बार सवाल यह है कि सरकार में कितने डिप्टी सीएम होंगे? क्या 19 सीट जीतने वाली लोजपा (आर) भी डिप्टी सीएम पद की दावेदारी करेगी?
