बिहार में दहेज हत्या के मामले में नया मोड़: महिला जिंदा मिली

बिहार के छपरा जिले में एक दहेज हत्या के मामले में नया मोड़ आया है जब पुलिस ने एक महिला को जिंदा बरामद किया। यह मामला 2019 से चल रहा था, जिसमें महिला के पति और उसके रिश्तेदारों पर हत्या का आरोप था। महिला ने बताया कि उसने अपनी मर्जी से घर छोड़ा था और अब वह एक अन्य पुरुष के साथ सामान्य जीवन बिता रही है। इस घटना ने गांव में हलचल मचा दी है और यह सवाल उठाया है कि क्या दहेज कानूनों का दुरुपयोग रोका जा सकता है।
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बिहार में दहेज हत्या के मामले में नया मोड़: महिला जिंदा मिली

घरेलू हिंसा और दहेज कानून का दुरुपयोग

बिहार में दहेज हत्या के मामले में नया मोड़: महिला जिंदा मिली


बिहार के छपरा जिले से घरेलू हिंसा और दहेज से संबंधित कानूनों के दुरुपयोग का एक और मामला सामने आया है। रसुलपुर गांव में 2019 में एक चौंकाने वाली घटना हुई थी, जिसमें सोनू कुमार की पत्नी की दहेज के लिए हत्या का आरोप लगाया गया था। लड़की के पिता, तेरस साह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें सोनू और उसके 12 रिश्तेदारों का नाम था। इस घटना ने गांव में शोक का माहौल बना दिया था।


यह मामला पिछले छह वर्षों से अदालत और पुलिस के रिकॉर्ड में चल रहा था। आरोपी परिवार लगातार डर में जी रहा था कि उन्हें किसी अपराध के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है, जिसे उन्होंने नहीं किया। लेकिन इस मामले में नया मोड़ तब आया जब पुलिस ने जांच के दौरान लड़की को पटना जिले के पुनपुन ओपी क्षेत्र से जिंदा बरामद किया।


अब तीन बच्चों की मां, लड़की ने एक अन्य पुरुष से शादी कर ली थी और सामान्य जीवन जी रही थी। थानाध्यक्ष दिलीप कुमार और एसआई रबीन्द्र पाल ने उसे डोरीगंज लाकर कोर्ट में पेश किया। लड़की ने बयान दिया कि उसने अपनी इच्छा से पहले घर को छोड़ा था।


इस खुलासे ने गांव में हलचल मचा दी। निर्दोष साबित होकर जेल जाने से बचा सोनू का परिवार अब राहत महसूस कर रहा है। लेकिन इस घटना ने एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा किया है - क्या घरेलू हिंसा और दहेज से जुड़े कानूनों के दुरुपयोग को रोका जा सकता है?