बिहार में दहेज हत्या के मामले में नया मोड़: महिला जिंदा मिली

बिहार के छपरा जिले में एक दहेज हत्या के मामले में नया मोड़ आया है जब पुलिस ने एक महिला को जिंदा बरामद किया। यह महिला अब तीन बच्चों की मां है और एक अन्य व्यक्ति के साथ विवाह कर सामान्य जीवन जी रही है। उसने अपने पहले पति को छोड़ने की बात कही, जिससे सोनू कुमार और उसके परिवार को राहत मिली। इस घटना ने घरेलू हिंसा और दहेज कानूनों के दुरुपयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
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बिहार में दहेज हत्या के मामले में नया मोड़: महिला जिंदा मिली

घरेलू हिंसा और दहेज कानून का दुरुपयोग

बिहार में दहेज हत्या के मामले में नया मोड़: महिला जिंदा मिली


बिहार के छपरा जिले से घरेलू हिंसा और दहेज से जुड़े कानूनों के दुरुपयोग का एक और मामला सामने आया है। 2019 में रसुलपुर गांव में एक चौंकाने वाली घटना हुई थी, जिसमें सोनू कुमार की पत्नी की दहेज के लिए हत्या का आरोप लगाया गया था। लड़की के पिता, तेरस साह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें सोनू और उसके 12 रिश्तेदारों का नाम शामिल था। इस घटना ने गांव में शोक का माहौल बना दिया था।


यह मामला पिछले छह वर्षों से अदालत और पुलिस की फाइलों में लटका हुआ था। आरोपी परिवार इस डर में जी रहा था कि उन्हें कभी भी इस झूठे आरोप के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है। लेकिन हाल ही में पुलिस ने जांच के दौरान लड़की को पटना जिले के पुनपुन ओपी क्षेत्र से जिंदा बरामद किया।


अब वह तीन बच्चों की मां है और एक अन्य व्यक्ति के साथ विवाह कर सामान्य जीवन जी रही है। थानाध्यक्ष दिलीप कुमार और एसआई रबीन्द्र पाल ने उसे डोरीगंज लाकर अदालत में पेश किया। लड़की ने बयान दिया कि उसने अपनी इच्छा से पहले घर छोड़ा था।


इस खुलासे ने पूरे गांव में हलचल मचा दी। निर्दोष साबित होकर जेल जाने से बचा सोनू का परिवार अब राहत महसूस कर रहा है। लेकिन इस घटना ने एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया है - क्या घरेलू हिंसा और दहेज से जुड़े कानूनों के दुरुपयोग को रोका जा सकता है?