बिहार में तेजस्वी यादव के EPIC विवाद ने राजनीतिक हलचल बढ़ाई

बिहार में राजद नेता तेजस्वी यादव के EPIC विवाद ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है, जिसे चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया। इस मामले में दो अलग-अलग EPIC नंबरों का खुलासा हुआ है, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है। बीजेपी नेताओं ने तेजस्वी पर तीखा हमला करते हुए चुनाव आयोग से जांच की मांग की है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ।
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बिहार में तेजस्वी यादव के EPIC विवाद ने राजनीतिक हलचल बढ़ाई

बिहार में राजनीतिक विवाद की शुरुआत

बिहार में राजनीतिक तनाव उस समय बढ़ गया जब राजद नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि उनकी नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया और चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। हालांकि, चुनाव आयोग और पटना के डीएम ने उनके आरोपों को तुरंत खारिज कर दिया।


तेजस्वी के दो EPIC नंबरों का रहस्य

इस मामले में नया मोड़ तब आया जब तेजस्वी के पास दो अलग-अलग EPIC (इलेक्टोरल फोटो आइडेंटिटी कार्ड) नंबर सामने आए। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि 2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी द्वारा उपयोग किया गया EPIC नंबर अभी भी मतदाता सूची में मौजूद है। दूसरी ओर, प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया गया EPIC नंबर चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं पाया गया।


बीजेपी की प्रतिक्रिया

इस खुलासे के बाद बीजेपी और एनडीए नेताओं ने तेजस्वी यादव पर तीखा हमला किया। बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने कहा, "तेजस्वी यादव झूठ बोल रहे हैं, उनका नाम और EPIC नंबर मौजूद है।" उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि तेजस्वी के पास दो EPIC नंबर कैसे हो सकते हैं और क्या उनके पास दो वोटर आईडी कार्ड हैं। पात्रा ने इसे गंभीर अपराध बताते हुए चुनाव आयोग से मामले की गहन जांच और तेजस्वी के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की।


तेजस्वी यादव का बयान