बिहार में तकनीकी शिक्षा के लिए आयोजित संवेदीकरण कार्यशाला

बिहार के पटना में विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला का उद्देश्य इंजीनियरिंग और तकनीकी संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार करना था। इस कार्यशाला में विभिन्न विशेषज्ञों ने NBA मानकों और प्रक्रियाओं पर चर्चा की। प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए और विभाग की प्रमुख पहलों को भी रेखांकित किया गया। यह कार्यशाला बिहार की तकनीकी शिक्षा को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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बिहार में तकनीकी शिक्षा के लिए आयोजित संवेदीकरण कार्यशाला

बिहार में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्यशाला

विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने 8 और 9 सितंबर को पटना के तारामंडल सभागार में दो दिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला (FDP) का आयोजन किया। यह कार्यशाला ‘राष्ट्रीय बोर्ड ऑफ एक्रिडिटेशन (NBA)’ के मानकों और प्रक्रियाओं पर केंद्रित थी, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य के इंजीनियरिंग और तकनीकी संस्थानों को गुणवत्ता में सुधार की दिशा में मार्गदर्शन करना था। इस कार्यशाला में बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. वर्मा, अपर सचिव-सह-निदेशक श्री अहमद महमूद, रजिस्ट्रार डॉ. प्रदीप कुमार, परियोजना निदेशक डॉ. अनंत कुमार, और सचिव डॉ. चंद्रशेखर सिंह सहित कई प्रमुख अधिकारी और शिक्षाविद् शामिल हुए।


 


विशेषज्ञ सत्रों का संचालन NIT दुर्गापुर के प्रोफेसर डॉ. परिमल आचार्य और SGPC पटियाला के डीन डॉ. भूपिंदर सिंह भुल्लर ने किया। उन्होंने NBA प्रत्यायन की जटिलताओं, अंतरराष्ट्रीय मानकों और संस्थागत तैयारी के व्यावहारिक पहलुओं को विस्तार से समझाया। राज्यभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्रतिनिधि, नोडल अधिकारी, विभागाध्यक्ष और प्रशिक्षक इस कार्यशाला में उत्साहपूर्वक शामिल हुए। नवीन राजकीय पोलिटकनीक पटना-13 के व्याख्याताओं ने भी सक्रिय भागीदारी की, जिन्होंने हाल ही में मैकेनिकल, सिविल और इलेक्ट्रॉनिक्स में एनबीए एक्रेडिटेशन की मान्यता प्राप्त की है और अपने अनुभव साझा किए। MIT मुजफ्फरपुर और NCE चंडी के अनुभवी सहायक प्राध्यापकों ने भी अपने अनुभव साझा किए।


 


पिछले महीने राज्य के पॉलिटेक्निक संस्थानों के लिए इसी विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया था, जो तकनीकी शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर गुणवत्ता सुधार की दिशा में विभाग की निरंतरता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कार्यशाला के समापन सत्र में सभी प्रतिभागियों को फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (FDP) में भागीदारी हेतु प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर विभाग की कई प्रमुख पहलों को भी रेखांकित किया गया, जैसे- हर प्रमंडल में इंडस्ट्री-इंस्टीट्यूट मीट, मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान, उत्कृष्टता केंद्र (CoE) की स्थापना, MOOC और ऑनलाइन स्किल डेवलपमेंट, फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम, प्रशिक्षकों व छात्रों की इंटर्नशिप, स्पोकन ट्युटोरियल हेतु हाल ही में प्राप्त राष्ट्रीय पुरस्कार इत्यादि।


 


विभाग का संकल्प स्पष्ट है कि बिहार की तकनीकी शिक्षा को न केवल राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतारना है, बल्कि उसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार करना है। यह कार्यशाला उसी दिशा में एक ठोस कदम था, जहाँ गुणवत्ता, नवाचार और समर्पण मिलकर भविष्य की नींव रखते हैं।