बिहार में जमीन बिक्री के लिए नई प्रक्रिया लागू, रकबा तुरंत घटेगा

बिहार में जमीन बिक्री के लिए नया आदेश
बिहार में जमीन बिक्री: बिहार सरकार ने जमीन की खरीद-बिक्री के लिए एक नया आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, जब भी राज्य में जमीन बेची जाएगी, विक्रेता के हिस्से का रकबा तुरंत घट जाएगा।
इसके अलावा, जमाबंदी के लिए खरीदार को अंचल कार्यालय में अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। सरकार ने इस संबंध में कई अन्य निर्देश भी जारी किए हैं।
जमीन की रजिस्ट्री होते ही, जमाबंदी के लिए ऑनलाइन आवेदन अंचल कार्यालय में किया जाएगा। विक्रेता के रकबा को घटाकर नया जमाबंदी स्थापित किया जाएगा। खरीदार निबंधन कार्यालय या अंचल कार्यालय से कहीं से भी जमाबंदी का कागज प्राप्त कर सकेगा। इस प्रक्रिया को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तर्ज पर बिहार में लागू किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, इसके लिए मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सॉफ्टवेयर को एकीकृत किया जा रहा है। निबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तहत संपतचक, फतुहा, और सकरा निबंधन कार्यालय में रजिस्ट्री के साथ ऑनलाइन जमाबंदी की सुविधा शुरू की जाएगी।
पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद, राज्य के अन्य रजिस्ट्री कार्यालयों में भी यह नई व्यवस्था लागू की जाएगी। मंत्री रत्नेश सदा ने संबंधित अधिकारियों को इस प्रक्रिया को जल्द लागू करने का निर्देश दिया है।
इस नई व्यवस्था की आवश्यकता इस कारण से है कि अंचल कार्यालय का रिकॉर्ड सही नहीं है। कई मामलों में जमाबंदी संयुक्त है, और कुछ जमाबंदियों में रकबा शून्य है। यदि किसी जमीन की खरीद-बिक्री होती है, तो रजिस्टर्ड डीड के साथ आवेदन देने पर विक्रेता को अंचल कार्यालय से नोटिस मिलेगा, जिससे सुधार में समय लगेगा।
नई व्यवस्था की आवश्यकता को इस तरह समझा जा सकता है कि यदि किसी के पास 10 कट्ठा जमीन है और उसने 2 कट्ठा बेच दिया, लेकिन अंचल कार्यालय में जमाबंदी अपडेट नहीं हुई, तो विक्रेता के नाम पर एक साल बाद भी जमीन 10 कट्ठा ही दिखेगी। इस स्थिति में वह जमीन को किसी और को दोबारा बेच सकता है, जिससे नए खरीदार को सही जानकारी प्राप्त करने में कठिनाई होगी।