बिहार में अनंत सिंह की गिरफ्तारी: राजनीति में नया मोड़
बिहार की राजनीति में उथल-पुथल
अनंत सिंह.
बिहार का मोकामा, जो पहले अपराध का गढ़ माना जाता था, अब राजनीति का केंद्र बनता दिख रहा है। यहां बाहुबली सूरजभान के समर्थक दुलारी यादव की हत्या कर दी गई। यह घटना उस समय हुई जब अनंत सिंह, जिन्हें छोटे सरकार के नाम से जाना जाता है, का काफिला गुजर रहा था। इस घटना के बाद उन पर आरोप भी लगाया गया, और कल उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह हत्या किसने और क्यों की।
दुलारी यादव पर भी कई गंभीर आरोप थे, और उनके खिलाफ दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज थे। वहीं, अनंत सिंह हाल ही में जमानत पर जेल से बाहर आए हैं और इस चुनाव में सत्ताधारी जदयू के उम्मीदवार हैं। चुनाव से पहले उनका माहौल काफी सकारात्मक था, और उन्हें भारी जीत की उम्मीद थी। ऐसे में सवाल उठता है कि वह दुलारी यादव की हत्या करके इतना बड़ा जोखिम क्यों लेंगे।
सूरजभान की रणनीति
यदि यह कहा जाए कि दुलारी यादव की हत्या बाहुबली सूरजभान ने अनंत सिंह को फंसाने के लिए कराई, तो यह तर्क कमजोर लगता है। सूरजभान, जो अपनी चालों के लिए जाने जाते हैं, ऐसी गलती नहीं कर सकते। यदि उन्होंने ऐसा किया होता, तो उन्हें यह भी पता होता कि योजना उलट भी सकती है, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति प्रभावित हो सकती है। इस घटना के बाद ऐसा ही हुआ है, जिससे मामला और जटिल हो गया है।
छुटभैया का हाथ?
मोकामा के अपराध पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि यहां दो बाहुबलियों के बीच संघर्ष में कोई छोटा खिलाड़ी सक्रिय हो गया है। कुछ लोग इसे जनसुराज के प्रशांत किशोर की ओर इशारा कर रहे हैं। लेकिन यह भी ध्यान देने योग्य है कि इस घटनाक्रम ने अनंत सिंह की भूमिहार राजनीति को और मजबूत किया है। उनकी सोशल मीडिया टीम ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अनंत सिंह के आधिकारिक फेसबुक पेज पर उनकी गिरफ्तारी का एक वीडियो साझा किया गया है, जिसमें उन्हें 150 से अधिक पुलिसकर्मियों द्वारा गिरफ्तार किया जा रहा है। इस वीडियो को महज 9 घंटे में 25 लाख लोगों ने देखा है।
भूमिहारों की एकता का सवाल
यह माना जा रहा है कि अनंत सिंह ने इस गिरफ्तारी के बाद जो सहानुभूति हासिल की है, वह पहले नहीं थी। खासकर मोकामा और अन्य भूमिहार बहुल क्षेत्रों में #AnantSingh की खोज बढ़ गई है। मोकामा के बाहर बेगूसराय, मुंगेर, और मुजफ्फरपुर में यह चर्चा है कि भूमिहार ने गुअरबा को मार दिया। अनंत सिंह खुद भूमिहार हैं, जबकि दुलारी यादव को गुअरबा कहा जा रहा है।
यह स्थिति अनंत सिंह के लिए सकारात्मक संकेत है। दूसरी ओर, चुनाव आयोग और पुलिस ने मोकामा में सख्ती बढ़ा दी है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि चुनाव में किसी की भी मनमानी नहीं चलेगी। इन परिस्थितियों में, अनंत सिंह के पक्ष में बनी यह लहर उन्हें जीत दिला सकती है।
