बिहार टॉपर्स घोटाले का आरोपी बच्चा राय AIMIM के टिकट पर चुनाव लड़ेगा

बिहार के महुआ विधानसभा क्षेत्र से टॉपर्स घोटाले के आरोपी बच्चा राय अब AIMIM के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी उनके समर्थन में प्रचार करने के लिए 6 अक्टूबर को महुआ पहुंचेंगे। इस चुनावी दौरे के साथ ही महुआ की राजनीति में नई हलचल देखने को मिलेगी, खासकर जब बच्चा राय का विवादित अतीत सामने है। जानें इस चुनावी कहानी के पीछे की पूरी जानकारी और इसके संभावित प्रभाव।
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बिहार टॉपर्स घोटाले का आरोपी बच्चा राय AIMIM के टिकट पर चुनाव लड़ेगा

बच्चा राय का चुनावी मैदान में उतरना

बिहार टॉपर्स घोटाले का आरोपी बच्चा राय AIMIM के टिकट पर चुनाव लड़ेगा

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन औवैसी

बिहार के महुआ विधानसभा क्षेत्र से 2016 के टॉपर्स घोटाले के मुख्य आरोपी अमित कुमार, जिन्हें बच्चा राय के नाम से जाना जाता है, अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। ओवैसी 6 अक्टूबर को बच्चा राय के समर्थन में प्रचार करने महुआ पहुंचेंगे।

इस समय महुआ सीट पर आरजेडी का कब्जा है, जहां से विधायक मुकेश कुमार रौशन हैं। हालांकि, 2025 के विधानसभा चुनाव में तेजप्रताप यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा है, जो महुआ का दौरा भी कर चुके हैं।

ओवैसी की सभा की तैयारियां

महुआ के गांधी मैदान में ओवैसी की सभा के लिए तैयारियां चल रही हैं। बच्चा राय ने अपने नाम के नीचे प्रत्याशी के रूप में होर्डिंग्स भी लगवाए हैं। ओवैसी के सीमांचल दौरे के दौरान, AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने बच्चा राय को ओवैसी से मिलवाया था, जिसके बाद से इस सभा की योजना बनी थी।

बच्चा राय का विवादित अतीत

बच्चा राय वैशाली जिले के भगवानपुर का निवासी है और 2016 में बिहार बोर्ड टॉपर्स घोटाले में शामिल रहा है। वह अपने वीआर कॉलेज का सचिव और प्रिंसिपल रह चुका है। इस कॉलेज की छात्रा रूबी कुमारी ने आर्ट्स परीक्षा में टॉप किया था, लेकिन जब मीडिया ने उसका इंटरव्यू लिया, तो उसने पॉलिटिकल साइंस को 'प्रोडिकल साइंस' कहकर विवाद खड़ा कर दिया था। इसके बाद जांच में टॉपर्स घोटाले का खुलासा हुआ और ईडी ने उसके घर से तीन करोड़ रुपये नकद बरामद किए।

जेल की सजा भी भुगत चुका है बच्चा राय

ईडी ने 2018 में बच्चा राय की करोड़ों की संपत्ति जब्त की थी, और इस मामले में उसे कई महीनों तक जेल में रहना पड़ा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बच्चा राय का चुनावी मैदान में उतरना महुआ क्षेत्र की राजनीति में नई बहस और हलचल पैदा कर सकता है, क्योंकि विवादित पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार की उपस्थिति स्थानीय मतदाताओं के लिए चर्चा का विषय बन गई है।