बिहार चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन पर विपक्ष का विरोध
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। इस विरोध में राहुल गांधी और अखिलेश यादव जैसे प्रमुख नेता शामिल हुए। सांसदों ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ नारेबाजी की और इसे चुनाव 'चुराने' का एक तरीका बताया। विपक्ष ने सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया और इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। जानें इस प्रदर्शन के पीछे की पूरी कहानी और सांसदों की प्रतिक्रियाएँ।
Jul 22, 2025, 13:23 IST
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विपक्षी सांसदों का प्रदर्शन
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन के चुनाव आयोग के निर्णय के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने मंगलवार को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल हुए। सांसदों ने संसद के मकर द्वार पर एकत्र होकर बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ नारेबाजी की। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि यह चुनाव 'चुराने' का एक तरीका है।
एसआईआर (विशेष गहन समीक्षा) और अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच लोकसभा को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि तख्तियाँ दिखाने के बजाय, आप अपने प्रस्ताव, संकल्प प्रस्तुत कर सकते हैं और कार्य मंत्रणा समिति उन पर विचार करेगी। अध्यक्ष समय देंगे और सरकार जवाब देगी। आप चिंतित क्यों हैं?
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि यदि लोकतंत्र में मतदाता सुरक्षित नहीं है, तो लोकतंत्र भी सुरक्षित नहीं है। मुख्य चुनाव आयुक्त को इस मामले की जांच करनी चाहिए। समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि सरकार की जनता की शिकायतें सुनने की कोई मंशा नहीं है और एसआईआर की प्रक्रिया विधानसभा चुनाव से ठीक पहले की जा रही है। इससे सरकार की मंशा पर सवाल उठते हैं।
कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा कि सरकार हमें सदन में यह मुद्दा उठाने की अनुमति नहीं दे रही है। भारत गठबंधन के सभी दलों ने संसद के मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि वे लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं। हम इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और यह गलत है।
कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि यह लोकतंत्र पर स्पष्ट हमला है। हम एसआईआर पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। हमें एसआईआर नहीं चाहिए। चुनाव आयोग की निष्पक्षता पहले ही खत्म हो चुकी है। सरकार चर्चा के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि एसआईआर के नाम पर मताधिकार छीना जा रहा है। इस तरह चुनाव कराने का कोई मतलब नहीं है। नागरिकता सत्यापित करना गृह मंत्रालय की ज़िम्मेदारी है, चुनाव आयोग की नहीं। इस प्रक्रिया को रोका जाना चाहिए। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह एसआईआर का मुद्दा नहीं है, बल्कि लोकतंत्र का मुद्दा है। लोकतंत्र की हत्या हो रही है और हम इस पर चर्चा चाहते हैं। यह लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई है। भाजपा लोकतंत्र पर हमला कर रही है।