बिहार चुनाव से पहले एनडीए में सीट बंटवारे पर उपेंद्र कुशवाहा की चिंताएँ

उपेंद्र कुशवाहा का दिल्ली दौरा
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर चल रहे विवाद के बीच, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएम) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा आज दिल्ली के लिए रवाना हो गए। उन्होंने बताया कि 15 अक्टूबर को पटना में होने वाली पार्टी नेताओं की बैठक को रद्द कर दिया गया है और वह गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा करने जा रहे हैं। कुशवाहा ने कहा, "हमें दिल्ली में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करनी है, इसलिए पटना में आज की बैठक को स्थगित किया गया है।"
राजग में असंतोष की स्थिति
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के भीतर सीट बंटवारे को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि "एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं है।"
अमित शाह का कुशवाहा को बुलाना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कुशवाहा को दिल्ली बुलाया है। रालोमो प्रमुख ने बुधवार को पटना में एक आपात बैठक की घोषणा की थी, जिसमें राजग के भीतर पार्टी की भूमिका पर चर्चा होनी थी, लेकिन इसे अचानक स्थगित कर दिया गया। कुशवाहा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "हमें अमित शाह जी के साथ चर्चा के लिए दिल्ली जाना है, इसलिए पटना में बैठक को स्थगित किया गया है।"
सीट बंटवारे का फॉर्मूला
राजग द्वारा घोषित सीट बंटवारे के फॉर्मूले के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जद(यू)) को 101-101 सीटें, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें, और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) तथा रालोमो को छह-छह सीटें दी गई हैं। सूत्रों के अनुसार, रालोमो ने 24 सीटों की मांग की थी और उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें कम से कम दो अंकों में सीटें मिलेंगी।
कुशवाहा का भावनात्मक पोस्ट
फॉर्मूले की घोषणा के बाद, कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि सीटों की संख्या उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रही, लेकिन कार्यकर्ताओं से धैर्य बनाए रखने की अपील की। उन्होंने अपने समर्थकों से क्षमा भी मांगी। इस पोस्ट के बाद रालोमो के भीतर असंतोष की चर्चा तेज हो गई।
अमित शाह की पहल
सूत्रों के अनुसार, अमित शाह की पहल का उद्देश्य कुशवाहा को मनाना और राजग को एकजुट रखना है। संभावना है कि उन्हें कुछ अतिरिक्त सीटों या किसी राजनीतिक पद का प्रस्ताव दिया जा सकता है। महुआ सीट को चिराग पासवान की पार्टी को देने से कुशवाहा नाराज हैं। राजनीतिक विश्लेषक अरुण कुमार पांडे का मानना है कि यदि शाह और कुशवाहा की मुलाकात सकारात्मक रही, तो राजग एकजुटता का संदेश दे सकेगा। लेकिन यदि मतभेद बने रहे, तो इसका असर बिहार चुनाव पर पड़ सकता है।