बिहार चुनाव में हार के बाद इंडिया गठबंधन में उठे सवाल, कांग्रेस पर बढ़ा दबाव
इंडिया गठबंधन में दरार
इंडिया गठबंधन में फूट
बिहार चुनाव में गंभीर हार के बाद, इंडिया गठबंधन के सभी दल चुनाव आयोग और वोट चोरी के मुद्दे पर मुखर हैं। हालांकि, सहयोगी दल कांग्रेस और उसके नेतृत्व पर सवाल उठाकर उसकी स्थिति को और कठिन बना रहे हैं। कांग्रेस ने हार का ठीकरा वोट चोरी और चुनाव आयोग पर फोड़ा है। ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, स्टालिन, और अन्य दलों ने भी इस मुद्दे पर विरोध का ऐलान किया है।
कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन को मजबूत होना चाहिए था, लेकिन बिहार में खराब प्रदर्शन के कारण सहयोगी दल कांग्रेस पर हमलावर हो गए हैं। टीएमसी ने ममता और सपा ने अखिलेश को नेतृत्व सौंपने की मांग की है।
BMC चुनाव: कांग्रेस पर शिवसेना का हमला
बीएमसी चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद शिवसेना ने भी कांग्रेस को निशाने पर लिया है। बिहार चुनाव में एक भी सीट न मिलने से जेएमएम भी नाराज है। स्टालिन ने भी कांग्रेस को आत्मचिंतन करने की सलाह दी है। एक दिसंबर से संसद का सत्र शुरू हो रहा है, और कांग्रेस को उम्मीद थी कि SIR के मुद्दे पर वह सहयोगियों का नेतृत्व करेगी, लेकिन बिहार के नतीजों ने उसे बैकफुट पर ला दिया है।
SIR के खिलाफ लड़ाई की आवश्यकता- कांग्रेस
कांग्रेस का कहना है कि जीत के बाद वह सहयोगी दलों की परवाह नहीं करती, लेकिन अब बुरे प्रदर्शन के बाद सहयोगी दलों का दबाव बढ़ गया है। यह कहानी लंबे समय से चल रही है। अब कांग्रेस को उम्मीद है कि SIR के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई सभी के लिए आवश्यक है, और समय आने पर सभी एकजुट होंगे।
कांग्रेस की SIR पर बैठक
कांग्रेस ने 18 नवंबर को 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रभारियों, राज्य इकाई प्रमुखों, और कांग्रेस विधायक दल के नेताओं की समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक में तय किया गया कि SIR की प्रक्रिया में खामियों और वोट चोरी के खिलाफ दिसंबर के पहले हफ्ते में एक बड़ी रैली आयोजित की जाएगी।
