बिहार चुनाव में वीडियो विवाद: आरजेडी ने किया स्पष्टीकरण

वीडियो विवाद का नया मोड़

तेजस्वी यादव
बिहार में चुनावी माहौल में सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। हाल ही में पीएम मोदी की मां को कथित रूप से गाली देने का मामला सामने आया है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि आरजेडी की सभा में इस तरह की अभद्रता की गई है। इस पर आरजेडी ने स्पष्ट किया है कि जो वीडियो साझा किया जा रहा है, उसमें छेड़छाड़ की गई है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस मुद्दे पर विपक्ष पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि बिहार की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई जा रही है और आरजेडी के गुंडे प्रधानमंत्री की मां को गाली दे रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आरजेडी सत्ता में आती है, तो बिहार में जंगलराज फिर से स्थापित होगा।
तेजस्वी यादव ने इस विवाद पर कहा कि मां का अपमान करना गलत है और ऐसे लोगों को जेल भेजा जाना चाहिए।
आरजेडी का स्पष्टीकरण
आरजेडी नेता मनोज कुमार झा ने इस मामले में सफाई दी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी द्वारा साझा किया गया वीडियो संपादित है और यह चुनावी प्रचार में हताशा का संकेत है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय पार्टियों को अपने रिकॉर्ड और विचारों को जनता के सामने रखना चाहिए, न कि इस तरह की भ्रामक सामग्री का सहारा लेना चाहिए।
बिहार चुनाव प्रचार में भारतीय जनता पार्टी द्वारा संपादित और भ्रामक वीडियो का एक बार पुनः सहारा लेना हताशा का स्पष्ट संकेत है। चुनाव जवाबदेही के क्षण होते हैं—जहाँ पार्टियाँ अपने रिकॉर्ड, दृष्टिकोण और विचारों को जनता के सामने रखती हैं। इसके बजाय, हम जो देख रहे हैं वह एक ध्यान
— Manoj Kumar Jha (@manojkjhadu) September 21, 2025
उन्होंने आगे कहा कि बिहार के लोग राजनीतिक हथकंडों को समझते हैं और वे केवल प्रचार के शिकार नहीं हैं। यदि संपादित वीडियो किसी अभियान का आधार बनता है, तो यह सत्ताधारी दल की नैतिक हार को दर्शाता है।
आरजेडी नेताओं की प्रतिक्रियाएँ
आरजेडी नेता मुकेश रोशन ने कहा कि तेजस्वी यादव के भाषण में किसी ने भी प्रधानमंत्री को गाली नहीं दी। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी द्वारा साझा किया गया वीडियो तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।
आरजेडी नेता शक्ति सिंह यादव ने भी बीजेपी के वीडियो पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बीजेपी मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है और तेजस्वी यादव ने बिहार के मुद्दों पर जो सवाल उठाए हैं, उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।