बिहार चुनाव में महिला मतदाताओं की भूमिका: नीतीश कुमार की नई योजनाएं

बिहार चुनाव 2023 में महिला मतदाताओं की भूमिका महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए कई नई योजनाएं लागू की हैं, जिनमें रोजगार, आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक सुरक्षा शामिल हैं। इस बार महिलाएं चुनावी नतीजों में निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं, जैसा कि पिछले चुनावों में देखा गया था। जानें कैसे ये योजनाएं महिलाओं को सशक्त बनाएंगी और चुनावी परिणामों को प्रभावित करेंगी।
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बिहार चुनाव में महिला मतदाताओं की भूमिका: नीतीश कुमार की नई योजनाएं

महिला मतदाताओं का महत्व

भारत में चुनाव केवल राजनीतिक रैलियों और सोशल मीडिया पर चर्चाओं से नहीं जीते जाते। घरों, रसोई और दफ्तरों में, एक चुप्पी से भरा मतदाता वर्ग मतदान के दिन से पहले अपनी पसंद और प्राथमिकताओं पर चर्चा करता है। यह वर्ग मुख्य रूप से महिलाएं हैं। इस वर्ष बिहार में चुनाव होने वाले हैं, और महिला मतदाता हमेशा की तरह इस बार भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली हैं। हर चुनाव में, महिला मतदाता राजनीतिक नतीजों में एक महत्वपूर्ण कारक बनकर उभरी हैं, खासकर बिहार में, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति ने उन्हें महिला मतदाताओं का समर्थन दिलाया है।


नीतीश कुमार की चुनावी रणनीति

वर्तमान में, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनावी प्रचार से अधिक अपनी योजनाओं को लागू करने में व्यस्त हैं। जबकि विपक्ष बयानबाजी में लगा है, नीतीश कुमार "काम बोलता है" के सिद्धांत पर चलते हुए महिलाओं को केंद्र में रखकर नई योजनाएं प्रस्तुत कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उन्होंने पहले से ही अपनी रणनीति तय कर ली थी, और अब वह उन योजनाओं को लागू कर रहे हैं, जिन्हें उन्होंने महिला संवाद यात्रा के दौरान महसूस किया था। आगामी चुनाव में महिला मतदाता असली गेमचेंजर साबित हो सकती हैं।


महिलाओं के लिए 7 महत्वपूर्ण घोषणाएं

पिछले दो महीनों में, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसी 7 महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं, जो महिलाओं को सीधे लाभ पहुंचाने वाली हैं। इन योजनाओं के माध्यम से उन्होंने रोजगार, आर्थिक सशक्तिकरण, सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को संबोधित किया है। यह रणनीति आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महिला वोट बैंक को साधने के लिए बनाई गई है।


जीविका दीदियों को राहत

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण महिलाओं को साधने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस कदम के तहत 1.40 लाख जीविका कर्मियों का मानदेय दोगुना कर दिया गया है। इसके साथ ही, बैंक ऋण पर ब्याज दर को 10% से घटाकर 7% कर दिया गया है, जिससे महिलाओं के बड़े समूह को लाभ होगा। यह निर्णय ग्रामीण महिलाओं के लिए एक चुनावी मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।


मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना

राज्य सरकार ने 8,053 ग्राम पंचायतों में विवाह मंडप के निर्माण के लिए 50 लाख रुपये की स्वीकृति दी है। इन मंडपों का संचालन ग्रामीण महिलाओं को सौंपा जाएगा, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ मिलेगा और उनकी नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होगी। यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


आशा और ममता कार्यकर्ताओं को लाभ

आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय 1,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये किया गया है, जबकि ममता कार्यकर्ताओं का मानदेय 300 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये कर दिया गया है। इस बढ़ोतरी से 1 लाख 20 हजार महिलाओं को लाभ होगा। वर्तमान में बिहार में 91,094 आशा कार्यकर्ता और 4,600 ममता कार्यकर्ता कार्यरत हैं।


आंगनबाड़ी सेविकाओं को डिजिटल सहयोग

सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं को मोबाइल खरीदने के लिए 11,000 रुपये की सहायता देने का निर्णय लिया है। यह कदम डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ाने और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।


मुख्यमंत्री महिला स्वरोजगार योजना

मुख्यमंत्री महिला स्वरोजगार योजना के तहत बिहार के सभी परिवारों की एक महिला को 10,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इस योजना के लिए 20,000 करोड़ रुपये का फंड निर्धारित किया गया है। यदि महिलाएं सफलतापूर्वक व्यवसाय करती हैं, तो उन्हें 6 महीने बाद 2 लाख रुपये का ऋण भी मिल सकेगा।


रसोइयों का मानदेय दोगुना

विद्यालयों में कार्यरत रसोइयों का मानदेय 1,600 रुपये से बढ़ाकर 3,300 रुपये कर दिया गया है। चूंकि इस कार्य में अधिकांश महिलाएं शामिल हैं, यह निर्णय महिला मतदाताओं को सीधे प्रभावित करेगा।


महिला आरक्षण नीति

नीतीश कुमार ने पहले से ही पंचायतों और नगर निकायों में 50% महिला आरक्षण की बात की है। अब उन्होंने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण का प्रावधान भी किया है। यह कदम महिलाओं को रोजगार और आत्मनिर्भरता की गारंटी देता है।


महिलाओं की भूमिका पर ध्यान

2020 के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में 3.39 करोड़ से अधिक महिला मतदाता हैं। महिलाओं की भागीदारी चुनावों में पुरुषों से 6% अधिक रही है। इस बार महिलाएं सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।


प्रधानमंत्री की अपील

इस संदर्भ में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की महिलाओं से भावुक अपील की है, जिसने एनडीए को महिला वोटों की दौड़ में आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल ने उनकी माँ के साथ बदसलूकी की, जो हर माँ और बहन का अपमान है।