बिहार चुनाव में बीजेपी ने 9 विधायकों को टिकट क्यों नहीं दिया?

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने 9 मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया है, जिसमें प्रमुख नाम नंद किशोर यादव का है। पार्टी ने नए चेहरों को उतारने का निर्णय लिया है, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं। जानें कि आखिर क्यों बीजेपी ने यह कदम उठाया और किन कारणों से विधायकों को टिकट नहीं मिला। क्या ये नेता चुनाव में पार्टी के खिलाफ जाएंगे? इस लेख में सभी जानकारी प्राप्त करें।
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बिहार चुनाव में बीजेपी ने 9 विधायकों को टिकट क्यों नहीं दिया?

बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी की पहली सूची

बिहार चुनाव में बीजेपी ने 9 विधायकों को टिकट क्यों नहीं दिया?

बिहार में बीजेपी ने 9 विधायकों का टिकट काट दिया है

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने मंगलवार को अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसमें कुल 71 नाम शामिल हैं। इस सूची में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पार्टी ने अपने 9 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है। इनमें प्रमुख नाम नंद किशोर यादव का है। इन विधायकों की जगह नए चेहरों को उतारा गया है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि बीजेपी ने ऐसा कदम क्यों उठाया।

जिन 9 विधायकों का टिकट काटा गया है, उनमें पटना साहिब से नंद किशोर यादव, कुम्हरार से अरुण सिन्हा, आरा से अमरेंद्र प्रताप सिंह, ओराई से रामसूरत राय, रीगा से मोतीलाल साह, राजनगर से रामप्रीत पासवान, मुंगेर से प्रणव यादव, गौरा बौडम से स्वर्णा सिंह और कटोरिया से निक्की हेंब्रम शामिल हैं।

  1. मोतीलाल प्रसाद- रीगा सीट
  2. रामप्रीत पासवान- राजनगर
  3. प्रणव यादव- मुंगेर
  4. स्वर्णा सिंह- गौरा बौराम
  5. रामसूरत राय- ओराई
  6. निकी हेम्ब्रम-कटोरिया
  7. अरुण सिन्हा-कुम्हरार
  8. नंद किशोर यादव- पटना साहिब
  9. अमरेंद्र प्रताप-आरा

टिकट कटने के कारण

अब यह जानने का प्रयास करते हैं कि इन विधायकों का टिकट क्यों काटा गया। मिली जानकारी के अनुसार, कुछ विधायकों का टिकट उनकी उम्र के कारण काटा गया है, जो 75 वर्ष या उससे अधिक है। वहीं, कुछ विधायकों के खिलाफ स्थानीय स्तर पर विरोध भी था। पार्टी ने स्थानीय विरोध को कम करने और जनता का विश्वास जीतने के लिए यह कदम उठाया। एक विधायक के मामले में चर्चा है कि नित्यानंद राय के कारण उनका टिकट काटा गया है।

  1. नंदकिशोर यादव: नंदकिशोर यादव, जो बिहार विधानसभा के अध्यक्ष हैं, का टिकट काटा गया है। उनकी उम्र 75 वर्ष से अधिक है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के निर्णय का सम्मान करते हैं और नई पीढ़ी का स्वागत करते हैं। उनकी जगह रत्नेश कुशवाहा को मैदान में उतारा गया है।
  2. मोतीलाल साह: मोतीलाल साह, जो नीतीश सरकार में मंत्री हैं, का टिकट काटा गया है। उनके टिकट काटने की कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई गई है।
  3. रामसूरत राय: रामसूरत राय को स्थानीय विरोध के कारण टिकट नहीं दिया गया है। उनके समर्थकों का कहना है कि नित्यानंद राय के कहने पर यह निर्णय लिया गया।
  4. अरुण सिन्हा: कुम्हरार से अरुण सिन्हा का टिकट भी उनकी उम्र के कारण काटा गया है।
  5. अमरेंद्र प्रताप सिंह: आरा से अमरेंद्र का स्थानीय स्तर पर विरोध था, जिसके कारण उन्हें टिकट नहीं मिला।
  6. प्रणव यादव: मुंगेर से प्रणव यादव को नए चेहरों को मौका देने के लिए टिकट नहीं दिया गया।
  7. निकी हेम्ब्रम: कटोरिया से निक्की हेंब्रम का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा, इसलिए उनका टिकट काटा गया।
  8. रामप्रीत पासवान: राजनगर से रामप्रीत पासवान को भी कमजोर प्रदर्शन के कारण टिकट नहीं मिला।
  9. स्वर्णा सिंह: गौरा बौराम से स्वर्णा सिंह का टिकट काटने की कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई गई है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ये नेता चुनाव में किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं। क्या वे पार्टी के निर्णय का विरोध करेंगे या चुप रहेंगे? इनमें से कुछ विधायकों के बारे में कहा जा रहा है कि वे चुनाव में बीजेपी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर सकते हैं।

(इनपुट- सुजीत कुमार)