बिहार चुनाव में बगावत का दौर: टिकट कटने पर नेताओं का विद्रोह

बिहार में चुनावी हलचल

तेजस्वी यादव और सीएम नीतीश कुमार.
बिहार में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। सत्ता पक्ष और विपक्षी गठबंधन के बीच टिकट वितरण के बाद स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है। बागी नेताओं की गतिविधियाँ दोनों पक्षों के लिए चुनौती बन गई हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत चौबे और वरिष्ठ नेता प्रशांत विक्रम ने बगावती रुख अपनाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
अलीनगर में बीजेपी के उम्मीदवार मैथिली ठाकुर का विरोध हो रहा है, जबकि भागलपुर के गोपालपुर से विधायक गोपाल मंडल ने टिकट कटने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। जेडीयू के श्याम बहादूर ने भी बड़हरिया विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरा है।
बागी नेताओं की सूची में नए नाम
पूर्व विधायक श्याम बहादूर, जिन्हें नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है, ने भी बगावत की है। बीजेपी के निवर्तमान विधायक रामसूरत राय के समर्थक पार्टी कार्यालय में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मुजफ्फरपुर से पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा ने भी टिकट कटने पर बगावती रुख अपनाया है।
भागलपुर से बीजेपी ने रोहित पांडे को उम्मीदवार बनाया है, जो पिछले चुनाव में हार गए थे। अब अर्जित शाश्वत और प्रशांत विक्रम ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया है।
छपरा और गोपालगंज में बदलाव
छपरा में पूर्व मेयर राखी गुप्ता ने बीजेपी से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। गोपालगंज में बीजेपी ने अपने उम्मीदवार को बदलते हुए सुभाष सिंह को मैदान में उतारा है। कुसुम देवी ने भी बगावती तेवर अपनाते हुए चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
बांका लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी की उपाध्यक्ष पुतुल कुमारी ने पार्टी से बगावत कर दी है। पार्टी के लाख प्रयासों के बावजूद उन्होंने चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है।
जयकुमार सिंह का विद्रोह
बीजेपी ने पुतुल कुमारी को पार्टी से निकाल दिया है। उनके चुनावी मैदान में उतरने से एनडीए के जेडीयू उम्मीदवार को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। महाराजगंज से बीजेपी एमएलसी सच्चिदानंद राय ने भी पार्टी नेतृत्व को चुनौती दी है और निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
दिनारा से टिकट कटने पर पूर्व मंत्री जदयू नेता जयकुमार सिंह ने न केवल इस्तीफा दिया बल्कि बगावत भी कर दी है।