बिहार चुनाव में नीतीश कुमार की सियासी चालें: आयोगों का गठन और जातिगत समीकरण

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत समीकरणों को दुरुस्त करने के लिए विभिन्न आयोगों का गठन किया है। उन्होंने चिराग पासवान और जीतनराम मांझी को संतुष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण नियुक्तियां की हैं। इस लेख में जानें कि कैसे नीतीश कुमार ने चुनावी माहौल में अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाने की कोशिश की है और विभिन्न समुदायों को साधने की रणनीति अपनाई है।
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बिहार चुनाव में नीतीश कुमार की सियासी चालें: आयोगों का गठन और जातिगत समीकरण

बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी हलचल

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। चुनावी माहौल में, उन्होंने जातिगत और सियासी समीकरणों को दुरुस्त करने के लिए विभिन्न आयोगों का गठन करना शुरू कर दिया है। अब तक, नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक आयोग, सवर्ण आयोग, महादलित आयोग, एससी-एसटी आयोग और मछुआरा आयोग का पुनर्गठन किया है। इन आयोगों के गठन में जातीय समीकरणों और राजनीतिक गणित पर विशेष ध्यान दिया गया है।


आयोगों की अधिसूचना और नियुक्तियां

नीतीश कुमार की एनडीए सरकार ने सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से विभिन्न आयोगों के लिए अधिसूचनाएं जारी की हैं। आयोगों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों के नाम भी घोषित किए गए हैं। लंबे समय से विभिन्न आयोगों के गठन की मांग उठ रही थी, लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही नीतीश सरकार ने तेजी से सियासी नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कदम नीतीश कुमार की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वे चिराग पासवान और जीतनराम मांझी के साथ बीजेपी के साथ अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।


चिराग पासवान और जीतनराम मांझी को साधना

बिहार के अनुसूचित जाति आयोग के गठन से नीतीश कुमार ने चिराग पासवान और जीतनराम मांझी को संतुष्ट किया है। आयोग के अध्यक्ष के रूप में चिराग के बहनोई मृणाल पासवान को नियुक्त किया गया है, जबकि उपाध्यक्ष की कुर्सी जीतनराम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी को सौंपी गई है। इस प्रकार, नीतीश कुमार ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि उनकी मांगों को सुना गया है और एनडीए एकजुट है।


महादलित और मछुआरा आयोग का गठन

महादलित आयोग में बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से सदस्यों की नियुक्ति की गई है, जबकि मछुआरा आयोग का गठन भी किया गया है। मछुआरा आयोग का उद्देश्य मछुआरों के कल्याण और विकास के लिए काम करना है। ललन कुमार को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है, जो मछुआरा समाज के हितों की रक्षा करेगा।


नीतीश कुमार की सियासी रणनीति

चुनाव से पहले चिराग पासवान और जीतनराम मांझी दोनों ही सक्रिय हैं। नीतीश कुमार ने आयोगों के गठन के माध्यम से कई राजनीतिक लक्ष्यों को साधने का प्रयास किया है। मुस्लिम मतदाताओं को साधने के लिए मौलाना गुलाम रसूल बलियावी को अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। इस प्रकार, नीतीश कुमार ने विभिन्न जातियों और समुदायों को संतुष्ट करने की कोशिश की है, ताकि चुनाव में उनकी स्थिति मजबूत हो सके।