बिहार चुनाव में एआईएमआईएम का महागठबंधन में शामिल होने का प्रयास
बिहार में एआईएमआईएम ने महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव रखा है, जिससे अल्पसंख्यक वोटों को एकजुट किया जा सके। पार्टी के प्रमुख अख्तरुल ईमान ने राजद के लालू यादव को पत्र लिखकर इस संबंध में चर्चा की है। उन्होंने कहा कि एकजुट होकर चुनाव लड़ने से धर्मनिरपेक्ष वोटों का बिखराव नहीं होगा। सीमांचल क्षेत्र में अल्पसंख्यक वोटों के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा की संभावना है। जानें इस राजनीतिक घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी।
Jul 4, 2025, 12:33 IST
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बिहार में एआईएमआईएम का महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव
बिहार में एआईएमआईएम इस वर्ष के अंत में होने वाले चुनावों में एकजुट मोर्चा बनाने के लिए महागठबंधन में शामिल होने की योजना बना रही है। सूत्रों के अनुसार, एआईएमआईएम के प्रमुख और विधायक अख्तरुल ईमान ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता लालू यादव को एक पत्र भेजा है, जिसमें हैदराबाद स्थित पार्टी को महागठबंधन में शामिल करने का अनुरोध किया गया है।
पत्र में इमाम ने उल्लेख किया कि एक साथ चुनाव लड़ने से धर्मनिरपेक्ष वोटों का बिखराव नहीं होगा और महागठबंधन के पास अगली सरकार बनाने के लिए बेहतर अवसर होंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि राजद एआईएमआईएम को महागठबंधन में शामिल करने में देरी करता है, तो यह एक खोया हुआ अवसर होगा। इमाम ने कहा कि हमने आरजेडी, कांग्रेस और अन्य महागठबंधन दलों से जुड़ने के लिए बातचीत की है और एक प्रस्ताव भेजा है। हमने उनसे जल्द निर्णय लेने का आग्रह किया है।
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के नेता ने कहा कि यदि राजद ऐसा नहीं करता है, तो उन्हें यह नहीं कहना चाहिए कि वे चुनाव के बाद उनके साथ रहना चाहते हैं। सीमांचल क्षेत्र में अल्पसंख्यक वोटों के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा होगी। किशनगंज में 67 प्रतिशत, कटिहार में 38 प्रतिशत, अररिया में 32 प्रतिशत और पूर्णिया में 30 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं। राजद के तेजस्वी यादव ने पटना के गांधी मैदान में वक्फ बचाओ-संविधान बचाओ रैली में भाग लिया, जहां उन्होंने कहा कि यदि वे सत्ता में आए, तो वक्फ अधिनियम को समाप्त कर देंगे।