बिहार चुनाव: जीतन राम मांझी ने परिवार को दिए आधे टिकट

बिहार चुनाव में जीतन राम मांझी ने अपने परिवार के सदस्यों को आधे टिकट आवंटित किए हैं, जिसमें उनकी बहू, समधन और दामाद शामिल हैं। एनडीए के साथ सीटों के बंटवारे के बीच, मांझी ने अपने परिवार को प्राथमिकता दी है। जानें इस चुनावी रणनीति के पीछे की कहानी और दीपा कुमारी के चुनावी अनुभव के बारे में।
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बिहार चुनाव: जीतन राम मांझी ने परिवार को दिए आधे टिकट

परिवार पर ध्यान केंद्रित करते हुए टिकट वितरण

बिहार चुनाव: जीतन राम मांझी ने परिवार को दिए आधे टिकट

जीतन राम मांझी ने टिकट बांटने के दौरान परिवार का रखा खास ख्याल


बिहार में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है, जहां प्रमुख राजनीतिक गठबंधन सीटों के बंटवारे को लेकर उलझे हुए हैं। एनडीए ने सीटों के बंटवारे पर सहमति बना ली है, जिसमें जीतन राम मांझी की पार्टी को 6 सीटें दी गई हैं। हालांकि, मांझी ने इनमें से आधी सीटें अपने परिवार के सदस्यों को आवंटित की हैं।


जीतन राम मांझी, जो केंद्र में मंत्री हैं, ने अपने बेटे संतोष कुमार सुमन को भी टिकट दिया है, जो बिहार सरकार में मंत्री और विधान परिषद के सदस्य हैं। इस बार मांझी की पार्टी को पिछले चुनाव की तुलना में कम सीटें मिली हैं, फिर भी उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को प्राथमिकता दी है।


परिवार की महिलाओं को टिकट


एनडीए के साथ समझौते के बाद, मांझी ने अपनी पार्टी के 6 उम्मीदवारों की सूची जारी की, जिसमें से 2 महिलाएं हैं। उनकी बहू दीपा कुमारी को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इमाम गंज सीट से फिर से चुनावी मैदान में उतारा गया है। इसके अलावा, उनकी समधन ज्योति देवी को आरक्षित बाराचट्टी सीट से टिकट दिया गया है।


दामाद को भी मिला टिकट


मांझी ने अपने दामाद प्रफुल्ल कुमार मांझी को जमुई जिले की सिकंदरा सीट से पार्टी का प्रत्याशी बनाया है।


भूमिहार बिरादरी को भी टिकट


इसके अतिरिक्त, मांझी ने भूमिहार बिरादरी से अनिल कुमार के परिवार को भी 2 टिकट दिए हैं। अनिल कुमार को गया जिले की टिकारी सीट से और उनके भतीजे रोमित कुमार को अतरी सीट से टिकट मिला है।


दीपा का चुनावी अनुभव


दीपा कुमारी कोई नए चेहरे नहीं हैं, उन्होंने 2024 में इमामगंज सीट पर उपचुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 5,945 मतों से हराया था।


पिछले विधानसभा चुनाव में मांझी की पार्टी ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 4 पर जीत हासिल की थी। इस बार, एनडीए ने उनकी एक सीट कम कर दी है, जिससे उनकी पार्टी को केवल 6 सीटें मिली हैं।