बिहार चुनाव 2025: बुजुर्ग नेताओं की चुनौती और युवा उम्मीदवारों की एंट्री
बिहार में 75 साल से ऊपर के नेता चुनावी मैदान में
बिहार में 75 प्लस नेता भी आजमा रहे अपनी किस्मत
बिहार चुनाव में प्रमुख राजनीतिक दलों ने युवा उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के साथ-साथ अनुभवी नेताओं को भी महत्व दिया है। 30 वर्ष से कम उम्र के लगभग 10 युवा चुनावी दौड़ में शामिल हैं, जबकि 70 से 75 वर्ष के कई अनुभवी नेता अपनी राजनीतिक यात्रा को सफल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पहले चरण के चुनाव में दोनों प्रमुख गठबंधनों ने कई पुराने चेहरों को टिकट दिया है।
पहले चरण में बिहार के 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान होना है, जिसमें जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) ने अनुभवी नेताओं को प्राथमिकता दी है। इस चरण में कम से कम 10 नेता हैं जिनकी उम्र 71 वर्ष से अधिक है, और इनमें से 4 नेता 75 वर्ष से ऊपर हैं। सबसे बुजुर्ग नेता की उम्र 78 वर्ष है। बुजुर्ग नेताओं में हरिनारायण सिंह और अवध बिहारी चौधरी शामिल हैं।
चुनाव में सबसे बुजुर्ग उम्मीदवार
हरिनारायण सिंह जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के टिकट पर नालंदा जिले की हरनौत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। यह उनका 13वां चुनाव है, जिसमें उन्होंने 8 बार जीत हासिल की है और अब उनकी नजर रिकॉर्ड नौवीं जीत पर है। इसी तरह, आरजेडी के अवध बिहारी सिंह, जो खुद को 78 वर्ष का बताते हैं, सीवान जिले की सीवान सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
75 वर्ष से अधिक उम्र के अन्य बुजुर्ग प्रत्याशियों में जेडीयू के पन्नालाल पटेल (76 वर्ष) और सीपीआई के रामरतन सिंह (75 वर्ष) शामिल हैं।
70 के पार कई नेता ठोक रहे दावा
71 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्याशियों में आलमनगर से जेडीयू के नरेंद्र नारायण यादव (74 वर्ष), हिलसा से जेडीयू के कृष्ण मुरारी शरण (74), बड़हरा से बीजेपी के राघवेंद्र प्रताप (72), महिषी सीट से जेडीयू के गुंजेश्वर साह (72), फुलवारी से जेडीयू के श्याम रजक (71) और बछवाड़ा से सीपीआई के अवधेश कुमार राय (71) शामिल हैं।
बिहार चुनाव में दोनों प्रमुख गठबंधनों के बुजुर्ग प्रत्याशियों की औसत उम्र 78 वर्ष है, जबकि एनडीए ने 25 वर्षीय मैथिली ठाकुर को सबसे युवा प्रत्याशी के रूप में उतारा है। महागठबंधन में भी 28 वर्षीय युवा को मौका दिया गया है। राष्ट्रीय जनता दल ने बाहुबली मुन्ना शुक्ला की 28 वर्षीय बेटी शिवानी को लालगंज सीट से टिकट दिया है।
प्रत्याशियों की औसत उम्र कितनी
चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे के अनुसार, पहले चरण में एनडीए प्रत्याशियों की औसत उम्र लगभग 52 वर्ष है, जबकि महागठबंधन में यह 50 वर्ष है। एनडीए में 15 प्रत्याशियों की उम्र 65 वर्ष या उससे अधिक है, जबकि महागठबंधन में यह संख्या 9 है।
पार्टी के आधार पर देखें तो जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के 11 प्रत्याशी 65 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, जबकि आरजेडी के 5, बीजेपी के 4, सीपीआई के 3 और कांग्रेस में 1 बुजुर्ग उम्मीदवार हैं।
बुजुर्ग नहीं Gez G से भी बड़ी आस
राजनीतिक दलों ने Gez G (1997 से 2012 के बीच जन्मे युवा) पीढ़ी के कई नेताओं को भी टिकट दिया है। इसमें मैथिली ठाकुर का नाम प्रमुख है। भोजपुरी गायिका मैथिली ने जुलाई में 25 वर्ष की उम्र पार की और इसके 3 महीने बाद बीजेपी में शामिल हो गईं। इसके अलावा, समस्तीपुर जिले की विभूतिनगर सीट से 27 वर्षीय रवीना कुशवाहा (जेडीयू), वैशाली जिले की लालगंज सीट से 28 वर्षीय शिवानी शुक्ला (आरजेडी) और भोजपुर जिले की संदेश विधानसभा सीट से 28 वर्षीय दीपू सिंह (आरजेडी) भी दावेदार हैं। पहले चरण में 121 सीटों पर 6 नवंबर को मतदान होगा। इसके बाद शेष 122 सीटों पर 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। अब देखना होगा कि बिहार के मतदाता युवा और बुजुर्ग नेताओं के प्रति किस तरह का रुख अपनाते हैं।
