बिहार के विकास के लिए 15% वृद्धि दर की आवश्यकता: IPS विकास वैभव

पटना में आयोजित ‘मेगावर्स मेंटर्स मीट’ में IPS विकास वैभव ने बिहार के विकास के लिए 15% से अधिक वृद्धि दर की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं को कुशल बनाना और स्टार्ट-अप्स के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण करना आवश्यक है। इसके अलावा, उन्होंने रोजगार के अवसरों की चुनौती और शिक्षा में एंटरप्रेन्योरशिप की भूमिका पर भी चर्चा की। जानें इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में और क्या बातें हुईं।
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बिहार के विकास के लिए 15% वृद्धि दर की आवश्यकता: IPS विकास वैभव

बिहार में मेगावर्स मेंटर्स मीट का आयोजन

बिहार के विकास के लिए 15% वृद्धि दर की आवश्यकता: IPS विकास वैभव

IPS विकास वैभव

पटना में आयोजित ‘मेगावर्स मेंटर्स मीट’ में बिहार के विकास के लक्ष्य पर विचार-विमर्श किया गया। इस कार्यक्रम में कई प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया। चर्चा के दौरान यह बताया गया कि शिक्षाविदों और मेंटर्स को युवा पीढ़ी को केवल शिक्षित नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें कुशल भी बनाना चाहिए ताकि वे नौकरी देने वाले बन सकें।

IPS विकास वैभव ने इस अवसर पर कहा कि बिहार को 15% से अधिक की वृद्धि दर हासिल करनी होगी। इसके साथ ही, स्टार्ट-अप्स के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण आवश्यक है, जिससे एक सक्षम युवा पीढ़ी तैयार की जा सके।

उन्होंने आगे कहा कि 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए बिहार को शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के लिए अन्यत्र जाने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। इसके लिए एंटरप्रेन्योरशिप में क्रांति लाना जरूरी है, जो कि आधारभूत शिक्षा में एंटरप्रेन्योरशिप की भावना को समाहित करने और वैश्विक स्तर पर उसके निरंतर विकास से संभव है।

बिहार के विकास के लिए 15% वृद्धि दर की आवश्यकता: IPS विकास वैभव

कार्यक्रम में कई युवा हुए शामिल


विकास दर की आवश्यकता

विकास दर होनी चाहिए 15% से ज्यादा- विकास वैभव

विकास वैभव ने युवाओं के लिए ‘सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस’ की स्थापना को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि बिहार, औसत प्रति व्यक्ति आय और अन्य आर्थिक आंकड़ों के अनुसार, भारत का सबसे पिछड़ा राज्य है। इसलिए, हमें हर साल 15% से अधिक की वृद्धि दर की आवश्यकता है।


रोजगार की चुनौती

सबको रोजगार देना एक बड़ी चुनौती

IPS विकास वैभव ने बताया कि बिहार की जनसंख्या लगभग 14 करोड़ है, जिसमें 30 साल से कम उम्र के 9 करोड़ से अधिक युवा हैं। इन युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना आसान नहीं है। केवल सरकारी नौकरियों से यह संभव नहीं है। इसलिए, स्कूल और कॉलेजों में यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्र केवल नौकरी पाने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले भी बनें।

उन्होंने कहा कि बिहार में एक ऐसा इको सिस्टम बनाना होगा जो युवाओं को नए विचारों को अपनाने के लिए प्रेरित करे। ऐसे कई क्षेत्र हैं जिनमें काम किया जा सकता है, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिल सकता है।