बिहार के काराकाट विधानसभा चुनाव परिणाम 2025: मुख्य मुकाबला जेडीयू और CPI(ML)L के बीच

बिहार के काराकाट विधानसभा चुनाव परिणाम 2025 पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। आज चुनाव परिणामों की घोषणा हो रही है, जिसमें जेडीयू और CPI(ML)L के बीच मुख्य मुकाबला देखने को मिल रहा है। पिछले चुनावों में CPI(ML)L का दबदबा रहा है, और इस बार भी अरुण सिंह की चुनौती महत्वपूर्ण है। जानें इस सीट का इतिहास और पिछले चुनावों का प्रदर्शन।
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काराकाट विधानसभा चुनाव परिणाम 2025: लाइव अपडेट

बिहार में चुनाव परिणामों पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। आज शुक्रवार को परिणामों की घोषणा की जा रही है। राज्य के सभी जिलों में मतगणना की तैयारी पूरी हो चुकी है, और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। चुनाव से पहले ही यहां राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आ गई थी। जन सुराज पार्टी भी चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की कोशिश कर रही है। राज्य में चुनाव दो चरणों में (6 और 11 नवंबर) आयोजित किए गए। रोहतास जिले में भी चुनाव को लेकर हलचल देखी गई है। चर्चित कराकाट सीट पर मतगणना जारी है, और शुरुआती रुझान जल्द ही सामने आने की उम्मीद है.


मुख्य मुकाबला: जेडीयू बनाम CPI(ML)L

काराकाट विधानसभा सीट पर जेडीयू और CPI(ML)L के बीच मुख्य मुकाबला देखने को मिल रहा है। महाबली सिंह एनडीए की ओर से जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं, जबकि महागठबंधन की ओर से CPI(ML)L के अरुण सिंह कुशवाहा ने चुनौती पेश की है। बिहार में इस बार मतदान 6 और 11 नवंबर को हुआ। रोहतास जिले में दूसरे चरण के तहत 11 नवंबर को वोट डाले गए, जिसमें 122 सीटों पर मतदान हुआ।


2020 का चुनाव प्रदर्शन

2020 के चुनाव में काराकाट सीट पर 13 उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी पेश की थी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI(ML)L) के अरुण सिंह ने 18,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की। अरुण सिंह ने 82,700 वोट प्राप्त किए, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी के राजेश्वर राज को 64,511 वोट मिले। यहां नोटा के पक्ष में 3,010 वोट पड़े।


CPI(ML)L का दबदबा

काराकाट विधानसभा क्षेत्र पिछले तीन दशकों से राज्य में वामपंथ का एक महत्वपूर्ण गढ़ बना हुआ है। 90 के दशक में तुलसी यादव ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। तुलसी ने 1990 और 1995 में जीत दर्ज की और इस सीट से पांच बार विजयी रहे। इसके बाद से काराकाट सीट CPI(ML)L के प्रभाव में आ गई। अरुण सिंह ने 2000 में यहां से पहली जीत हासिल की और फिर फरवरी 2005 और नवंबर 2005 में जीतकर अपनी हैट्रिक पूरी की। 2010 में जनता दल यूनाइटेड ने CPI(ML)L की जीत पर ब्रेक लगाया और राजेश्वर राज को जीत मिली। 2015 में आरजेडी ने यहां से जीत हासिल की और संजय यादव विधायक बने। 2020 में अरुण सिंह ने फिर से CPI(ML)L के दबदबे वाले इस क्षेत्र में जीत हासिल की।