बिहार की मतदाता सूची में विदेशी नागरिकों के नाम: राजनीतिक संकट गहरा
बिहार की मतदाता सूची में विदेशी नागरिकों के नामों के खुलासे ने राज्य में राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार के नागरिकों के नामों की मौजूदगी ने चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा है, जबकि तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर ने इस मुद्दे पर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और नेताओं की प्रतिक्रियाएं।
Jul 13, 2025, 17:04 IST
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बिहार में मतदाता सूची में विदेशी नामों का खुलासा
बिहार की मतदाता सूची में विदेशी नागरिकों के नाम सामने आने से राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार के नागरिकों के नाम इस सूची में पाए गए हैं, जिससे चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं। इस गंभीर मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी ने विपक्षी दलों पर तीखा हमला किया है, विशेषकर उन पर जो मतदाता सूची के पुनरीक्षण का विरोध कर रहे थे। इस खुलासे के बाद राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव और जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं, जिससे यह मामला और भी गरमाया है।
तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया
इस विषय पर पूछे जाने पर, राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, 'ये सूत्र कौन हैं? क्या ये वही सूत्र हैं जिन्होंने कहा था कि इस्लामाबाद, कराची और लाहौर पर कब्जा कर लिया गया है? हम इन सूत्रों को मूत्र समझते हैं। आखिरी बार 2003 में UPA सरकार में ऐसा हुआ था। तब कई चुनाव हुए, जिनमें हम 3-4 लाख वोटों से हारे। क्या इसका मतलब है कि इन सभी विदेशियों ने पीएम मोदी को वोट दिया? इसका मतलब है कि मतदाता सूची में किसी भी संदिग्ध नाम के जुड़ने के लिए NDA जिम्मेदार है। इसका मतलब है कि उन्होंने जो भी चुनाव जीते हैं, वे सभी धोखाधड़ी वाले रहे हैं। नेपाल के संदर्भ में, बिहार और नेपाल का गहरा संबंध है। बिहार पुलिस और आर्मी में नेपाली लोग हैं। जब से सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को उठाया है, तब से चुनाव आयोग के हाथ-पांव फूले हुए हैं। यदि फर्जी वोटर हैं, तो जिम्मेदारी किसकी है? चुनाव आयोग और NDA सरकार की। चुनाव आयोग अब राजनीतिक दल का प्रकोष्ठ बनकर काम कर रहा है।'
प्रशांत किशोर का बयान
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने इस मुद्दे पर कहा, 'चुनाव आयोग ने पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू की है। यदि वे यह कह रहे हैं कि यहां नेपाली और बांग्लादेशी हैं, तो यह गंभीर चिंता का विषय है। क्या चुनाव आयोग यह मान रहा है कि जिस निर्वाचक नामावली से लोकसभा का चुनाव हुआ, उसमें बड़ी संख्या में बांग्लादेशी या अवैध लोग शामिल थे? दूसरी बात, यदि ये लोग बिहार में रह रहे हैं, तो भाजपा-नीतीश की सरकार क्या कर रही है? नीतीश सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनके शासन में ऐसे लोगों को बिहार में रहने और वोट देने का अधिकार कैसे मिला?'
प्रशांत किशोर का ट्वीट
#WATCH | सहरसा, बिहार: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा, "चुनाव आयोग ने पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू की है। यदि वे बता रहे हैं कि यहां नेपाली और बांग्लादेशी हैं तो यह बड़ी चिंता की बात है... क्या चुनाव आयोग यह स्वीकार कर रहा है कि जिस निर्वाचक नामावली से लोकसभा का… pic.twitter.com/OoJN4V0FTS
— News Media (@AHindinews) July 13, 2025