बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में रद्द हुए एनडीए सांसदों के रात्रिभोज

पंजाब और अन्य राज्यों में बाढ़ के संकट को देखते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निवास पर एनडीए सांसदों का रात्रिभोज रद्द कर दिया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस स्थिति पर गहरा दुख व्यक्त किया है, जबकि पंजाब में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है। हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। जानें इस संकट के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में रद्द हुए एनडीए सांसदों के रात्रिभोज

बाढ़ के कारण रात्रिभोज रद्द

पंजाब और अन्य राज्यों में बाढ़ के कारण उत्पन्न संकट को देखते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक निवास पर 8 सितंबर को एनडीए सांसदों के लिए निर्धारित रात्रिभोज को रद्द कर दिया गया है। इस बात की पुष्टि शनिवार को सूत्रों ने की। इसके अलावा, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निवास पर भी आज रात का रात्रिभोज कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है। यह रात्रिभोज उपराष्ट्रपति चुनाव से एक दिन पहले आयोजित होने वाला था, लेकिन उत्तर भारत में बाढ़ के कारण इसे रद्द करना पड़ा।


राष्ट्रपति का बयान

इससे पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तर भारत में भारी बारिश और बाढ़ से हुई तबाही पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मानसून के कहर ने कई राज्यों में "मौत और विनाश" का तांडव मचाया है। राष्ट्रपति ने X पर एक पोस्ट में लिखा कि इस साल मानसून के दौरान प्राकृतिक आपदाओं के बारे में जानकर उन्हें गहरा दुख हुआ है। पहाड़ों में बादल फटने और मैदानी इलाकों में बाढ़ ने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, असम और अन्य क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई है।


बाढ़ से प्रभावित लोगों के प्रति एकजुटता

राष्ट्रपति ने प्रभावित लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त की और राहत कार्यों में लगे अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्र आपदाओं से प्रभावित लोगों के दुःख को साझा करता है और इस संकट में उनके साथ है। पंजाब के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अनुसार, राज्य में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है। ये मौतें विभिन्न जिलों में हुई हैं, और तीन लोग अभी भी लापता हैं।


हिमाचल प्रदेश और दिल्ली की स्थिति

हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष बारिश से 300 से अधिक मौतें हुई हैं, जबकि दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर गई है, जिससे बाढ़ संभावित क्षेत्रों को खाली कराना पड़ा है। पंजाब ने फसलों और संपत्ति को व्यापक नुकसान की पुष्टि की है, जहाँ लगभग 3 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1 से 5 सितंबर के बीच विभिन्न राज्यों में भारी बारिश हुई है।