बाड़मेर पुलिस ने साइबर ठगी के तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार

बाड़मेर पुलिस ने हाल ही में तीन युवकों को गिरफ्तार किया है, जो सोशल मीडिया के जरिए लोगों को ठगने का काम कर रहे थे। इन आरोपियों के पास से ठगी में इस्तेमाल होने वाले उपकरण और रजिस्टर मिले हैं, जिसमें ठगी का पूरा हिसाब लिखा हुआ था। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के बाद अब गहन पूछताछ शुरू कर दी है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और आरोपियों की ठगी करने की विधि।
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बाड़मेर पुलिस ने साइबर ठगी के तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार

साइबर अपराधियों पर प्रशासन की सख्ती


भारत में साइबर अपराधों पर नियंत्रण पाने के लिए प्रशासन ने कठोर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अब यदि आप किसी को कॉल करते हैं, तो आपको साइबर अपराधियों के प्रति जागरूक किया जाएगा। बाड़मेर पुलिस भी इस दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है।


गिरफ्तारी की कार्रवाई

बाड़मेर पुलिस ने हाल ही में तीन युवकों को गिरफ्तार किया है, जो सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को विभिन्न प्रलोभनों में फंसाकर ठगी कर रहे थे।


डीएसटी और बालोतरा थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इन तीनों को पकड़ा गया। उनके पास से पुलिस को साइबर ठगी में इस्तेमाल होने वाले पांच मोबाइल नेटवर्क राउटर, कई बैंकों के डेबिट कार्ड, पासबुक और चेकबुक मिली हैं। ये तीनों एक किराए के कमरे में रह रहे थे, जहां से उन्होंने अपने ठगी के नेटवर्क का संचालन किया।


हिसाब-किताब का रजिस्टर

बालोतरा के एसपी कुंदन कांवरिया ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि ये युवक दिनभर एक कमरे में बंद रहते हैं और उन पर साइबर ठगी का संदेह था। पुलिस ने एक विशेष टास्क फोर्स का गठन कर कमरे पर छापा मारा। उस समय तीनों आरोपी कमरे में मौजूद थे। पुलिस को एक रजिस्टर मिला, जिसमें ठगी का पूरा हिसाब लिखा हुआ था। इस खुलासे से पता चला कि ठगी का यह खेल करोड़ों का है।


शिकार करने की विधि

आरोपी भंवरलाल, लक्ष्मण कुमार और आईदानराम ने बताया कि वे सोशल मीडिया के जरिए अपने शिकार की तलाश करते थे। ऑनलाइन गेम्स के बहाने लोगों को फंसाते थे। पहले वे कम राशि जीतने देते थे, फिर जब बड़ा पैसा दांव पर लगता था, तब ठगी करते थे। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों की उम्र 23 से 24 वर्ष के बीच है। पुलिस अब इनसे गहन पूछताछ कर रही है।