बागपत में मासूमों की हत्या: एक शिक्षक की त्रासदी

बागपत के गांगनौली गांव में एक शिक्षक की पत्नी और उनकी दो बेटियों की हत्या ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है। यह घटना तब हुई जब एक किशोर, रिहान, ने अपने गुस्से के चलते एक रात मस्जिद में घुसकर इस भयानक कृत्य को अंजाम दिया। जानें कैसे एक मासूम की पढ़ाई से मोहभंग ने इस त्रासदी को जन्म दिया।
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बागपत में मासूमों की हत्या: एक शिक्षक की त्रासदी

बागपत की मस्जिद में हुई त्रासदी

बागपत में मासूमों की हत्या: एक शिक्षक की त्रासदी

बागपत के गांगनौली गांव की एक मस्जिद में, जहां हर सुबह कुरान की तिलावत होती थी, अब सन्नाटा छा गया है। यहाँ मौलाना इब्राहिम की पत्नी इसराना और उनकी दो छोटी बेटियों की लाशें मिली हैं।

रिहान का पढ़ाई से मोहभंग
मौलाना इब्राहिम ने वर्षों तक बच्चों को कुरान की शिक्षा दी। उनमें से एक किशोर, रिहान, भी था, जो शुरू में पढ़ाई में रुचि रखता था। लेकिन धीरे-धीरे उसका ध्यान पढ़ाई से हटने लगा। मौलाना उसे समझाते रहे, कभी-कभी सख्ती भी करते थे, लेकिन शायद उन्हें नहीं पता था कि यह सख्ती एक दिन घातक बन जाएगी।

रिहान के मन में पलने लगा गुस्सा
रिहान के मन में धीरे-धीरे गुस्सा और नफरत बढ़ने लगी। उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर उन लोगों को सजा देने की योजना बनाई, जो उसे बार-बार डांटते थे।

मौलाना की पत्नी पर हमला
एक रात, रिहान ने मस्जिद में चोरी-छिपे प्रवेश किया। सबसे पहले उसने CCTV के डीवीआर रूम में जाकर फुटेज डिलीट किया। इसके बाद वह उस कमरे में गया, जहां मौलाना की पत्नी सो रही थीं, और उन पर ताबड़तोड़ वार किए।

बेटी की चीखें भी नहीं बचा सकीं
इतना होते ही मौलाना की पांच साल की बेटी जाग गई और उसने सब देखा। उसने चीखने की कोशिश की, लेकिन रिहान ने उसे भी मार डाला। फिर उसने सबसे छोटी बेटी को भी नहीं छोड़ा। इस तरह तीन मासूम जिंदगियां पल भर में समाप्त हो गईं।

घटना से पहले का CCTV फुटेज सामने आया है, जिसमें रिहान और उसका साथी मस्जिद में प्रवेश करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके बाद कैमरे बंद हो गए थे।

जब मौलाना इब्राहिम देवबंद से लौटे, तो उनका संसार बर्बाद हो चुका था। उनकी आंखों में आंसू थे और उन्होंने कहा, 'क्या यही तालीम का फल था?' उन्होंने बताया कि उनकी बेटी ने कुछ समय पहले उन्हें मैसेज किया था कि वह एक खिलौना लाना चाहते हैं। उन्हें नहीं पता था कि वही रिहान उनकी बेटियों की जान ले लेगा। अब उस मस्जिद में मातम है, जहां कभी कुरान की आवाज गूंजती थी।