बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ बढ़ते तनाव और हिंसा
बांग्लादेश में हिंसा का माहौल

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पहले देश में तनाव और हिंसा की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बुधवार को ढाका सहित कई प्रमुख शहरों में 32 बम विस्फोट हुए और कई बसों को आग के हवाले कर दिया गया। ढाका एयरपोर्ट के निकट भी गुरुवार रात दो बम विस्फोट हुए, लेकिन किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
सुरक्षा व्यवस्था और प्रदर्शन
हिंसक प्रदर्शन और सुरक्षा कड़ी
बांग्लादेश की राष्ट्रीय पुलिस और पैरामिलिट्री बलों ने राजधानी में सुरक्षा को मजबूत किया है। ढाका में लगभग 400 पैरामिलिट्री जवान तैनात किए गए हैं। राजधानी और अन्य शहरों में स्कूलों को ऑनलाइन किया गया है और सार्वजनिक परिवहन को बंद कर दिया गया है। आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारी मुख्य रूप से BNP और Jamaat-e-Islami पार्टी के सदस्य हैं। उन्होंने कई स्थानों पर सड़कें अवरुद्ध कीं, टायर जलाए और जुलूस निकाले।
शेख हसीना का बयान
शेख हसीना का रुख
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने BBC को दिए एक साक्षात्कार में अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है। उन पर 2024 के छात्र आंदोलन में हिंसा भड़काने और मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप है। हसीना ने स्पष्ट किया कि उनके आदेश पर सुरक्षा बलों ने किसी प्रदर्शनकारी पर गोली नहीं चलाई। उनके वकीलों ने संयुक्त राष्ट्र में इस मामले में निष्पक्षता की अपील की है। हसीना ने यह भी कहा कि यदि अंतरराष्ट्रीय अदालतें चाहें, तो वे ICC में मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार हैं।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
राजनीतिक और ऐतिहासिक संदर्भ
बांग्लादेश में शेख हसीना के शासन के दौरान राजनीतिक तनाव अक्सर उच्च स्तर पर रहा है। 5 अगस्त 2024 को सरकार के गिरने के बाद देश में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन और आगजनी की घटनाएं हुई थीं। उस समय छात्र और नागरिक सड़कों पर उतर आए थे। अवामी लीग के मुख्यालय में गुरुवार को आगजनी की घटना भी इसी संदर्भ में देखी जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, 10 से 15 लोगों ने इमारत की चौथी मंजिल पर लकड़ी और कागज जलाकर आग लगाई।
