बांग्लादेश में उस्मान हादी की हत्या के बाद बढ़ते विरोध प्रदर्शन

बांग्लादेश में छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद स्थिति गंभीर होती जा रही है। उनके भाई शरीफ ओमर ने सरकार पर न्याय न दिलाने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे जमुना का घेराव करेंगे। ओमर का कहना है कि यह केवल उनके परिवार की नहीं, बल्कि पूरे बांग्लादेश के 18 करोड़ लोगों की मांग है। इस घटना ने देश में फिर से हिंसा को जन्म दिया है। जानें पूरी कहानी में क्या हो रहा है।
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बांग्लादेश में उस्मान हादी की हत्या के बाद बढ़ते विरोध प्रदर्शन

बांग्लादेश में हालात बिगड़ते जा रहे हैं

ढाका
बांग्लादेश में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद उनके भाई शरीफ ओमर बिन हादी ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। ओमर ने कहा कि सरकार की जांच प्रक्रिया से स्पष्ट है कि उन्हें न्याय दिलाने में कोई रुचि नहीं है। उन्होंने सीधे यूनुस को चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती, तो वह कैंटोनमेंट और जमुना का घेराव करने के लिए मजबूर होंगे।

उस्मान हादी की हत्या के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों को संबोधित करते हुए ओमर ने कहा, “उस्मान हादी के लिए न्याय की मांग अब बांग्लादेश के 18 करोड़ लोगों की मांग बन चुकी है। सरकार की स्थिति देखकर यह स्पष्ट है कि वह न्याय दिलाने में इच्छुक नहीं है। हम सड़कों पर उतर चुके हैं और जब तक हमें न्याय नहीं मिलता, हम घर नहीं लौटेंगे। हमें और भी कड़े कदम उठाने पड़ सकते हैं। देश की स्थिति और भी बिगड़ने से पहले हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हमें जमुना का घेराव करने के लिए मजबूर न करें।”

ओमर ने पहले भी मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने आगामी बांग्लादेश चुनाव को रद्द करने के लिए हादी की हत्या करवाई है। ओमर ने राजनीतिक नेताओं और यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि परिवार को न्याय न मिलना एक बड़ी विफलता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सत्ता में बैठे लोग न्याय नहीं दे सकते, तो उन्हें सत्ता छोड़कर भाग जाना चाहिए।

ओमर ने अपने भाई की हत्या के लिए सत्ता में बैठे लोगों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “आपने उस्मान हादी को मारा और अब चुनाव रद्द करने की कोशिश कर रहे हैं। यदि हादी को न्याय नहीं मिला, तो आपको भी इस देश से भागना होगा।”

ज्ञात हो कि 32 वर्षीय छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी ने शेख हसीना को सत्ता से हटाने के लिए आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह अपने भारत विरोधी दृष्टिकोण के लिए भी जाने जाते थे। आगामी चुनाव में वह सक्रिय थे, लेकिन 12 दिसंबर को प्रचार के दौरान उन्हें गोली मारी गई। इलाज के दौरान 18 दिसंबर को उन्होंने सिंगापुर में दम तोड़ दिया। इसके बाद बांग्लादेश में फिर से हिंसा का एक नया दौर शुरू हो गया।