बांग्लादेश ने IMF से मदद की आवश्यकता से किया इनकार

बांग्लादेश का आर्थिक दृष्टिकोण
हाल ही में पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से एक अरब डॉलर का वित्तीय सहायता पैकेज प्राप्त हुआ है। पाकिस्तान को समय-समय पर IMF जैसी संस्थाओं से आर्थिक सहायता मिलती रही है। इस बीच, भारत के पड़ोसी बांग्लादेश भी आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, और वहां की अंतरिम सरकार ने विदेशी सहायता की मांग की है। हालांकि, वित्तीय सलाहकार के हालिया बयान से यह स्पष्ट होता है कि बांग्लादेश को विकास के लिए IMF के फंड की आवश्यकता नहीं है.
बांग्लादेश के वित्त सलाहकार का बयान
वित्त सलाहकार सलाहुद्दीन अहमद ने धन ले जाने वालों को चालाक बताया और कहा कि इस पैसे की वसूली एक जटिल प्रक्रिया है। उन्होंने यह भी कहा कि जब यह धन वापस आएगा, तो बांग्लादेश को बड़ा आर्थिक लाभ होगा.
IMF की आवश्यकता नहीं
पाकिस्तान की मदद के लिए IMF की भूमिका के बावजूद, बांग्लादेश के मंत्री ने कहा कि उन्हें इसकी आवश्यकता नहीं है। मंगलवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, "यदि हम लूटे गए धन को वापस पा लेते हैं, तो हमें IMF के बजट समर्थन की आवश्यकता नहीं होगी।" उन्होंने यह भी बताया कि यह प्रक्रिया एक से डेढ़ साल में पूरी होने की उम्मीद है.
लूटे गए धन की वापसी की प्रक्रिया
सलाहुद्दीन ने बताया कि बांग्लादेश बैंक के गवर्नर के नेतृत्व में धन की वापसी की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इसमें कई चुनौतियाँ हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि नाइजीरिया को इस प्रक्रिया में 20 साल लगे। उन्होंने कहा, "हम प्रगति कर रहे हैं, लेकिन इसमें समय लगेगा।" यदि धन वापस आ जाता है, तो यह IMF जैसे बाहरी समर्थन पर निर्भरता को कम करेगा। अंतरिम सरकार ने आरोप लगाया है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सहयोगियों ने देश से धन को विदेश भेजा और वहां अरबों की संपत्ति खरीदी है.