बांग्लादेश की राजनीति: शेख हसीना और खालिदा जिया की दुश्मनी का इतिहास

बांग्लादेश की राजनीति में शेख हसीना और खालिदा जिया के बीच की दुश्मनी एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इन दोनों नेताओं ने देश के राजनीतिक परिदृश्य को आकार दिया है। इस लेख में हम उनके संघर्ष, जीत और हार की कहानी, और हाल ही में खालिदा जिया के निधन पर शेख हसीना की प्रतिक्रिया पर चर्चा करेंगे। जानिए कैसे इन दोनों महिलाओं ने बांग्लादेश की राजनीति को प्रभावित किया।
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बांग्लादेश की राजनीतिक परंपरा

एक प्रसिद्ध कहावत है कि एक म्यान में दो तलवारें नहीं रह सकतीं। बांग्लादेश की राजनीति इस कहावत के इर्द-गिर्द घूमती है। 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर स्वतंत्रता प्राप्त करने वाले बांग्लादेश का इतिहास विद्रोह और रक्तपात से भरा हुआ है। इस देश के राजनीतिक इतिहास में दो प्रमुख महिलाएं, शेख हसीना और खालिदा जिया, महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन दोनों के बीच की दुश्मनी को 'बैटल्स ऑफ बेगम्स' कहा जाता है। शेख हसीना, बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की बेटी हैं, जबकि खालिदा जिया पूर्व राष्ट्रपति जिया उर रहमान की पत्नी थीं। दोनों ने अपने-अपने परिवारों की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया।


जीत और हार की कहानी

1971 से बांग्लादेश की राजनीति जीतने वाले के नक्शे कदम पर चलती रही है। जो जीतता है, वह सब कुछ हासिल कर लेता है, जबकि हारने वाले को जेल की कोठरी का सामना करना पड़ सकता है। कहानी की शुरुआत 1975 से होती है, जब शेख हसीना के पिता मुजीब उर रहमान की हत्या कर दी गई। मुजीब, जो बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति थे, के शासन में हालात बिगड़ गए थे। 14 अगस्त 1975 को बांग्लादेश की सेना के कुछ बागी अधिकारियों ने मुजीब और उनके परिवार के 18 सदस्यों की हत्या कर दी। इस घटना के समय शेख हसीना और उनकी बहन जर्मनी में थीं। इसके बाद सत्ता जिया उर रहमान के हाथ में आई।


बैटल ऑफ द बेगम्स

1990 के दशक के अंत में इरशाद के खिलाफ माहौल बनने लगा। इस दौरान शेख हसीना और खालिदा जिया ने मिलकर इरशाद को सत्ता से हटाया। लेकिन यह सहयोग केवल अस्थायी था। 1991 में खालिदा ने जीत हासिल की, जबकि 1996 में हसीना ने सत्ता संभाली। 2001 में खालिदा फिर से जीत गई। 2007 में स्थिति इतनी बिगड़ गई कि सेना ने आपातकाल लागू किया और दोनों नेताओं को जेल में डाल दिया। 2008 में हसीना ने वापसी की और अगले 15 वर्षों तक सत्ता में रहीं।


खालिदा जिया का निधन

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में खालिदा जिया के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने इसे देश के राजनीतिक जीवन के लिए एक बड़ी क्षति बताया। हसीना ने अपने शोक संदेश में कहा कि वह खालिदा जिया के योगदान को याद करेंगी।


खालिदा जिया की स्वास्थ्य स्थिति

27 नवंबर को खालिदा जिया की स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल के सीसीयू में भर्ती किया गया। उनके चिकित्सा बोर्ड के सदस्यों ने उनकी स्थिति को गंभीर बताया। जिया कई स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त थीं, जिनमें यकृत और गुर्दे की समस्याएं, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, गठिया और संक्रमण शामिल थे।