बस्तर में धार्मिक हिंसा के बाद प्रदेश बंद का ऐलान

कांकेर जिले के आमाबेड़ा गांव में शव दफनाने को लेकर हुई धार्मिक हिंसा ने बस्तर में तनाव का माहौल बना दिया है। इस विवाद के चलते सर्व समाज ने प्रदेश बंद का ऐलान किया है। जगदलपुर में व्यापारियों ने त्योहार के समय बंद पर नाराजगी जताई, जबकि विश्व हिंदू परिषद ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है। जानें इस स्थिति का पूरा विवरण और इसके प्रभाव।
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जगदलपुर में तनावपूर्ण स्थिति

जगदलपुर


कांकेर जिले के आमाबेड़ा गांव में शव दफनाने को लेकर उत्पन्न धार्मिक हिंसा ने बस्तर क्षेत्र में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। इस विवाद के चलते सर्व समाज ने आज प्रदेश बंद का ऐलान किया। सुबह के समय, जब नगर में मेन रोड पर दुकानों को बंद कराने का प्रयास किया गया, तब तनाव और बवाल की स्थिति उत्पन्न हुई, लेकिन बाद में व्यापारियों ने अपनी दुकानों को बंद कर मामले को शांत कर दिया।


बंद का प्रभाव आज सुबह से ही बस्तर के मुख्यालय जगदलपुर में स्पष्ट रूप से देखा गया। सर्व समाज के पदाधिकारी और विभिन्न समाजों के नेता शहर में घूमते हुए बंद की स्थिति का जायजा लेते रहे। बाजार, दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जिससे शहर की गतिविधियाँ ठप हो गईं।


बंद के समर्थन में बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स ने अपनी सहमति जताई है, लेकिन कुछ व्यापारियों ने इस पर असंतोष भी व्यक्त किया। खासकर जगदलपुर के मेन रोड क्षेत्र में कुछ व्यापारियों ने त्योहार से एक दिन पहले बंद की घोषणा पर आपत्ति जताई।


व्यापारियों का कहना है कि क्रिसमस के त्योहार के कारण इस समय व्यापार अपने चरम पर होता है, और इस बंद से उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसी मुद्दे पर मेन रोड में कुछ समय के लिए तनाव और बवाल की स्थिति भी बनी, लेकिन अंततः व्यापारियों ने अपनी दुकानों को बंद कर दिया और स्थिति सामान्य हो गई।


आमाबेड़ा की घटना से समाज में आक्रोश


विश्व हिंदू परिषद के नेता रवि ब्रह्मचारी ने बंद के संदर्भ में कहा कि आमाबेड़ा की घटना से पूरा समाज आहत है और बस्तर में 100 प्रतिशत बंद का प्रभाव देखा जा रहा है। उन्होंने मांग की कि आमाबेड़ा में हिंदुओं पर हमले करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही, एक विशेष जांच टीम गठित कर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और जिन अधिकारियों की इसमें भूमिका रही है, उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाए।