बलिया में सौतेली मां की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा

बलिया की एक अदालत ने एक व्यक्ति को अपनी सौतेली मां की हत्या का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में अदालत ने ताजा सुनवाई के बाद आरोपी को सजा दी, जबकि मृतका के पति को पहले ही बरी कर दिया गया था। जानें इस हत्या के पीछे का कारण और अदालत के फैसले की पूरी कहानी।
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बलिया में सौतेली मां की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा

बलिया की अदालत का फैसला

एक स्थानीय अदालत ने बलिया में एक व्यक्ति को अपनी सौतेली मां की हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह जानकारी शुक्रवार को पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।


अपर सत्र न्यायाधीश का निर्णय

पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञान प्रकाश तिवारी ने बृहस्पतिवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद धर्मवीर चौरसिया उर्फ पंकज को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा दी और साथ ही दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।


मामले का पृष्ठभूमि

अदालत ने पांच साल पहले तारा देवी की हत्या के मामले में उसके पति श्रीभगवान चौरसिया को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, रसड़ा थाना क्षेत्र के परासिया नंबर दो गांव में तीन अक्टूबर 2020 को तारा देवी (45) की धारदार हथियार से हत्या की गई थी।


आरोप और विवाद

इस मामले में तारा के पति श्रीभगवान चौरसिया और सौतेले बेटे धर्मवीर चौरसिया उर्फ पंकज के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने जांच के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश किया। पुलिस के अनुसार, पंकज अपनी बहन की शादी के लिए सौतेली मां तारा देवी पर उसके नाम खरीदी गई जमीन को बेचने के लिए दबाव बना रहा था। इसी विवाद के चलते पंकज ने अपनी सौतेली मां की हत्या कर दी।