बलरामपुर में मनरेगा घोटाले में छह लोग गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 38 लाख रुपये के घोटाले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में ग्राम प्रधान और अन्य अधिकारियों पर आरोप हैं कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी धन का गबन किया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और गिरफ्तारियों के पीछे की कहानी।
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बलरामपुर में मनरेगा घोटाले में छह लोग गिरफ्तार

मनरेगा घोटाले का खुलासा

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के एक गांव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 38 लाख रुपये से अधिक के घोटाले के आरोप में पुलिस ने ग्राम प्रधान और अवर अभियंता सहित छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को दी।


पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि लगभग ढाई महीने पहले पचपेड़वा खंड विकास अधिकारी ने विशनपुर टनटनवा गांव में तालाब निर्माण के लिए मजदूरों के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 38.49 लाख रुपये के गबन की शिकायत दर्ज कराई थी।


अधिकारी ने आगे बताया कि पुलिस की जांच में आरोपों की पुष्टि हुई। उन्होंने कहा कि इस मामले में दर्ज मुकदमे के आधार पर ग्राम प्रधान अब्दुल वहाब, ग्राम विकास अधिकारी गिरिजा शंकर, रोजगार सेवक मोहम्मद जुबेर खान, अपर कार्यक्रम अधिकारी अतुल कुमार मिश्रा, अवर अभियंता प्रदीप कुमार चौधरी और ग्राम विकास अधिकारी अजय यादव को बुधवार रात गिरफ्तार किया गया।